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आश्रय स्थल को बनाया डेरा, एएनएम, बाउंसर और रसोईया कई महीनों से रह रहे

 
आश्रय स्थल को बनाया डेरा, एएनएम, बाउंसर और रसोईया कई महीनों से रह रहे

जिले के एक आश्रय स्थल का गलत इस्तेमाल हो रहा है। जानकारी के अनुसार, इस सरकारी या सामुदायिक आश्रय स्थल को कई महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सुविधा के लिए बनाया गया था, लेकिन अब इसे डेरा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां कई महीनों से एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife), बाउंसर और रसोईया रह रहे हैं। आश्रय स्थल की मूल उद्देश्य—सुरक्षित रहना और जरूरतमंदों की सेवा करना—को नजरअंदाज करते हुए इसे आवास के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन को इस मामले की जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि आश्रय स्थल का इस तरह उपयोग सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आश्रय स्थलों का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों को अस्थायी रूप से ठहराना है, न कि किसी व्यक्तिगत या पेशेवर सुविधा के लिए लंबे समय तक कब्जा करना। प्रशासनिक लापरवाही से इस तरह के मामलों से सामुदायिक संसाधनों का दुरुपयोग होता है।

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही आश्रय स्थल को उसके मूल उद्देश्य के अनुसार संचालित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।