Aapka Rajasthan

रबी फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, फसली ऋण लेने वाले किसानों से कटेगा अनिवार्य प्रीमियम

 
रबी फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, फसली ऋण लेने वाले किसानों से कटेगा अनिवार्य प्रीमियम

रबी सीजन के दौरान जिलेवार अधिसूचित फसलों के लिए फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित की गई है। किसान इस तारीख तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से फसल बीमा को कागजों में स्वैच्छिक बताया गया है, लेकिन जिन किसानों ने फसली ऋण ले रखा है, उनके खातों से 31 दिसंबर से पहले प्रीमियम अनिवार्य रूप से काट लिया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, जिन किसानों ने बैंकों या सहकारी समितियों से रबी फसलों के लिए ऋण लिया है, उन्हें ‘लोनधारी किसान’ की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे किसानों के लिए फसल बीमा स्वतः लागू हो जाता है और बैंक उनके खातों से बीमा प्रीमियम की राशि काटकर संबंधित बीमा कंपनी को भेज देते हैं। इससे कई किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि वे इसे स्वैच्छिक मानते हुए बीमा नहीं कराना चाहते।

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फसल बीमा योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, मौसम की मार और फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसलिए लोनधारी किसानों के लिए इसे अनिवार्य रखा गया है, ताकि नुकसान की स्थिति में उन्हें राहत मिल सके। वहीं, गैर-लोनधारी किसान अपनी इच्छा से 31 दिसंबर तक बीमा करा सकते हैं।

जिलेवार अधिसूचित फसलों में गेहूं, चना, सरसों, जौ सहित अन्य रबी फसलें शामिल हैं। किसानों को अपने क्षेत्र और फसल के अनुसार बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा। बीमा राशि का निर्धारण फसल, जिले और जोखिम के आधार पर किया जाता है। सरकार प्रीमियम का बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में वहन करती है, जबकि किसान को केवल निर्धारित हिस्सा ही देना होता है।

किसानों का कहना है कि बीमा योजना की जानकारी और शर्तें उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं बताई जातीं। कई बार बिना पूर्व सूचना के खातों से प्रीमियम काट लिया जाता है, जिससे नाराजगी बढ़ती है। किसान संगठनों ने मांग की है कि बीमा को वास्तव में स्वैच्छिक बनाया जाए या फिर किसानों को पहले स्पष्ट सहमति का विकल्प दिया जाए।

वहीं, बैंक अधिकारियों का कहना है कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही प्रीमियम काटते हैं और इसकी सूचना किसानों को देने का प्रयास किया जाता है। अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे 31 दिसंबर से पहले अपने बैंक खातों और बीमा स्थिति की जांच कर लें, ताकि किसी तरह की गलतफहमी न रहे।