कमीशन डील मामले में फंसी बयाना विधायक ऋतु बनावत के विकास कार्यों की जांच तेज, दूसरी टीम ने की फाइलों की जब्ती
कमीशन की डील के आरोपों में घिरी भरतपुर जिले की बयाना विधायक ऋतु बनावत की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में विकास कार्यों की जांच के लिए एक और जांच टीम बयाना पहुंची है। टीम ने विभिन्न विकास कार्यों से जुड़ी अहम फाइलें जब्त की हैं और संबंधित अधिकारियों से विस्तृत पूछताछ भी की है। जांच एजेंसियों की सक्रियता से क्षेत्र की राजनीति में हलचल मच गई है।
जानकारी के अनुसार, विधायक ऋतु बनावत के विधानसभा क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों में कथित कमीशनखोरी को लेकर पहले से ही जांच चल रही है। अब इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तर से एक और टीम गठित की गई, जो बयाना पहुंचकर रिकॉर्ड खंगाल रही है। टीम ने नगर पालिका, पंचायत समिति और अन्य विभागों से जुड़े विकास कार्यों की फाइलें अपने कब्जे में ली हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जब्त की गई फाइलों में सड़कों के निर्माण, नालियों, भवन निर्माण और अन्य सार्वजनिक कार्यों से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। जांच टीम यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कार्यों की स्वीकृति, टेंडर प्रक्रिया और भुगतान में कहीं अनियमितता या कमीशन की मांग तो नहीं की गई। इसके अलावा अधिकारियों से यह भी पूछा गया कि कार्यों की गुणवत्ता और समयसीमा का पालन हुआ या नहीं।
जांच के दौरान टीम ने संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों से अलग-अलग पूछताछ की। उनसे विकास कार्यों की स्वीकृति से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली गई। अधिकारियों से यह भी स्पष्ट करने को कहा गया कि किन परिस्थितियों में और किसके निर्देश पर फाइलें आगे बढ़ाई गईं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इस मामले में एक टीम द्वारा जांच की जा चुकी है, लेकिन नए तथ्यों और सबूतों के सामने आने के बाद दोबारा जांच का दायरा बढ़ाया गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जांच की आंच और तेज हो सकती है और आने वाले दिनों में इस मामले में बड़े खुलासे संभव हैं।
हालांकि, विधायक ऋतु बनावत की ओर से अब तक इन आरोपों को लेकर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह राजनीतिक द्वेष के तहत की जा रही कार्रवाई है, जबकि विपक्ष इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कदम बता रहा है।
जांच एजेंसियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। फिलहाल, दूसरी जांच टीम के बयाना पहुंचने और फाइलों की जब्ती से यह साफ है कि मामला गंभीर है और इसकी जांच लंबे समय तक चल सकती है।
