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खनन माफिया की मनमानी! राजस्थान-हरियाणा सीमा पर बनाई अवैध सड़क, अब NGT की होगी सख्त कार्रवाई

 
खनन माफिया की मनमानी! राजस्थान-हरियाणा सीमा पर बनाई अवैध सड़क, अब NGT की होगी सख्त कार्रवाई

भरतपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान और हरियाणा के खनन माफिया ने मिलकर अरावली पर्वत पर वन विभाग की जमीन पर अवैध खनन और परिवहन के लिए सड़क बना दी। पूरा खेल सामने आने के बाद भी दोनों राज्यों के जिम्मेदार इस मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। छह किलोमीटर लंबी और 33 फीट चौड़ी सड़क के लिए एक किलोमीटर के क्षेत्र में पहाड़ और 1500 से अधिक पेड़ काट दिए गए। राजस्थान के खनन माफिया खुलेआम हरियाणा में सड़कों के जरिए अवैध खनन का अवैध परिवहन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, दोनों राज्यों के बीच अरावली पर्वत पर सड़क बनाने के लिए हरियाणा के नूंह के चकबंदी अधिकारी और गांव बसई मेव के सरपंच ने वन भूमि का खसरा नंबर तक बदल दिया। पूरा खेल हरियाणा के अवैध खनन वाले पत्थरों को राजस्थान और राजस्थान के अवैध खनन वाले पत्थरों को बाजार भाव के हिसाब से हरियाणा में पहुंचाने का चल रहा है।

वन विभाग ने चकबंदी अधिकारी और सरपंच पर लगाया जुर्माना
जब मामला वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पास पहुंचा तो वन विभाग ने चकबंदी अधिकारी और सरपंच पर 99 लाख 22 हजार 500 रुपये और 31 लाख 51 हजार 440 रुपये का जुर्माना लगाया। जब इसकी अदायगी नहीं हुई तो फिरोजपुर झिरका कोर्ट में केस दायर कर दिया। 2 अप्रैल को एनजीटी में सुनवाई होनी है। दरअसल, राजस्थान के खनन माफिया के लिए सीमा से सटे पहाड़ों पर अवैध खनन और सामग्री को क्रशर प्लांटों तक पहुंचाने का कोई आसान रास्ता नहीं था, इसलिए चंदे के जरिए 85 लाख रुपये एकत्र कर सड़क बनवाई गई। 27 नवंबर 2024 को डीएफओ के आदेश पर वन विभाग ने सड़क बंद भी कर दी, लेकिन सरपंच और चकबंदी अधिकारी ने रातों-रात सड़क खुलवा दी। ऐसा बार-बार हो रहा है।

कार्रवाई सिर्फ कागजों पर
– बसई मेव के ग्रामीणों ने 4 जुलाई 2024 को नूंह के डीएफओ से शिकायत की थी कि हरियाणा से अवैध खनन सामग्री राजस्थान में सीमा पर स्थित क्रशर प्लांट तक ले जाने के लिए अवैध रास्ता बनाया जा रहा है।
– 11 अक्टूबर 2024 को डीएफओ ने फिरोजपुर झिरका के वन रेंजर को जांच के आदेश दिए। इसके बाद बसई मेव के सरपंच मोहम्मद हनीफ, चकबंदी अधिकारी जान मोहम्मद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
– 27 नवंबर को मुख्यालय में मुख्य वन संरक्षक (एचओएफ) को रिपोर्ट भेजी गई। लिखा कि डीसी, एसपी, एसडीएम, एसएचओ को पत्र भेजने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
– 29 नवंबर को नोडल अधिकारी (सीएम विंडो), अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने डीएफओ को मामला दर्ज करने के निर्देश दिए।
– जनवरी 2025 में अतिरिक्त मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग की गई। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अगर वहां से मंजूरी मिल जाती है तो छह महीने से दो साल तक की जेल हो सकती है।
- हरियाणा के वन विभाग का दावा है कि अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्थान को बार-बार सूचित किया गया है।
हम क्या कर सकते हैं
अगर अवैध सड़क हरियाणा के इलाके में बनी है तो हम क्या कर सकते हैं। क्योंकि उनका वहां अधिकार क्षेत्र है। बाकी अगर हमें वहां से अवैध खनन का इनपुट मिलता है तो हम कार्रवाई करते हैं।

हमने कार्रवाई की है
विभाग स्तर पर जो कार्रवाई होनी थी, वह हमने पूरी कर दी है। सड़क भी बंद थी, लेकिन राजस्थान के खनन माफिया उसे बार-बार खोल देते हैं। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का मामला डीसी ऑफिस तक ले जाना चाहिए।

मुख्य सड़क से जुड़ते हुए...
यह सड़क राजस्थान के नांगल से हरियाणा के बसई तक, राजस्थान के छपरा से बसई तक, राजस्थान के विजासना से घाटा शमशाबाद तक, राजस्थान के डहराली से बसई तक बनाई गई है, जो हरियाणा के झिरका फिरोजपुर की मुख्य सड़क से जुड़ रही है