ग्राम पंचायतों की एआई आधारित बैठकों में राजस्थान का रिकॉर्ड कमजोर, केंद्र की तकनीक का सही उपयोग नहीं हो पा रहा
राजस्थान में ग्राम पंचायतों की बैठकों को एआई आधारित सिस्टम के जरिए रिकॉर्ड करने और कार्यवाही तैयार करने में समस्या सामने आई है। केंद्र सरकार ने देशभर में यह तकनीक लागू की है, जिसमें ग्राम सभा की बैठकों का ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग सीधे सिस्टम में लिखित रूप में बदलकर कार्यवाही तैयार की जाती है। लेकिन राजस्थान में इस पहल का परिणाम संतोषजनक नहीं रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पूरे देश में राजस्थान की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में कमजोर पाई गई है। कई पंचायतों में एआई-संचालित सिस्टम का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा, जिसके कारण बैठकों की रिकॉर्डिंग और उनके लिखित रूप में बदलाव में देरी और त्रुटियां सामने आ रही हैं। इसके अलावा, कुछ पंचायतों में तकनीकी उपकरणों की कमी और स्थानीय कर्मचारियों की प्रशिक्षण की कमी भी बड़ी बाधा बन रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एआई आधारित तकनीक से ग्राम पंचायतों की पारदर्शिता और कार्यवाही की गति बढ़ाई जा सकती थी। इससे न सिर्फ पंचायत के निर्णय रिकॉर्ड रहेंगे, बल्कि जनता के लिए भी फैसलों की जांच करना आसान हो जाएगा। लेकिन राजस्थान में तकनीक के सही इस्तेमाल में विफलता के कारण यह लक्ष्य अभी पूरा नहीं हो पाया है।
राजस्थान के कुछ जिलों में यह देखा गया कि पंचायतों की बैठकों में ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग अधूरी रहती है या तकनीकी गड़बड़ी के कारण कार्यवाही पूरी तरह तैयार नहीं हो पाती। अधिकारियों ने माना है कि कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को यह निर्देश दिया है कि एआई आधारित ग्राम पंचायत बैठकों की प्रणाली को पूरी तरह क्रियान्वित किया जाए। राजस्थान सरकार को भी इस दिशा में विशेष प्रयास करने होंगे, ताकि ग्राम स्तर पर निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हो सके।
