Aapka Rajasthan

सूखे और बाढ़ से प्रभावित पंचायतों को आपदा प्रबंधन में किया जाएगा सक्षम, केंद्र सरकार देगी सहयोग

 
सूखे और बाढ़ से प्रभावित पंचायतों को आपदा प्रबंधन में किया जाएगा सक्षम, केंद्र सरकार देगी सहयोग

प्रदेश में हर साल सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने वाली पंचायतों को अब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मजबूत बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सहयोग से एक व्यापक योजना तैयार की है, जिसके तहत आपदा संभावित क्षेत्रों की पंचायतों को विशेष प्रशिक्षण, संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी आपदा की स्थिति में पंचायतें स्वयं राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकें।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश की उन पंचायतों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी जो पिछले कुछ वर्षों में बार-बार सूखे या बाढ़ की चपेट में आई हैं। इन पंचायतों में आपदा प्रबंधन से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा, ताकि आपदा आने पर बाहरी मदद पर पूरी तरह निर्भर न रहना पड़े। योजना के तहत पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों का गठन किया जाएगा, जिनमें जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ स्थानीय युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

इस पहल के अंतर्गत पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों को आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया, राहत सामग्री के वितरण, अस्थायी शिविरों की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा और सुरक्षित निकासी जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव, लाइफ जैकेट, रस्सियां और सूखा प्रभावित इलाकों में जल संरक्षण और वैकल्पिक जल स्रोतों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

केंद्र सरकार की ओर से इस योजना के लिए आर्थिक सहायता के साथ-साथ तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। आपदा प्रबंधन से जुड़े आधुनिक उपकरणों और डिजिटल तकनीक का उपयोग कर पंचायतों को अलर्ट सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे समय रहते संभावित खतरे की जानकारी मिल सके। इससे जान-माल के नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

सरकार की इस योजना के तहत कुछ चयनित पंचायतों को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में आदर्श पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा। इन पंचायतों में किए गए कार्यों और अनुभवों को अन्य पंचायतों के लिए मॉडल के रूप में अपनाया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इससे प्रदेश भर में आपदा प्रबंधन की क्षमता में एकरूपता आएगी और ग्रामीण स्तर पर आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।