Bharatpur तबादले के चलते आईजी- एसपी बदले, राहुल व मृदुल कछावा को लगाया
जानकाराें का कहना है कि पसाेपा में संत विजयदास महाराज की आत्महत्या, सैनी आरक्षण और नासिर-जुनैद प्रकरण काे ठीक से हैंडल नहीं कर पाए। इस कारण सरकार की किरकिरी हुई थी। इसके अलावा भरतपुर में हो रहे आपराधिक घटनाक्रम भी स्थानांतरण के कारण माने जा रहे हैं। भरतपुर में 1981 से उप महानिरीक्षक पुलिस भरतपुर का पद स्वीकृत है। इस पद पर 2003 तक 20 अधिकारी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
भरतपुर रेंज के लिए आईजी का पद 2003 से स्वीकृत हुआ। अब तक 20 आईजी 2003 से इस पद पर रह चुके हैं। भरतपुर रेंज के पहले आईजी प्रदीप व्यास थे। राहुल प्रकाश 21वें आईजी के रूप ने पद ग्रहण करेंगे। आलोक वशिष्ठ 2 वर्ष 5 माह 20 दिन का सबसे लंबा कार्यकाल रहा। सबसे कम कार्यकाल राजीव वर्मा का एक माह 9 दिन का रहा। जिसमें अच्छा कार्यकाल था। भरतपुर में 1951 से पुलिस अधीक्षक का पद स्वीकृत है। सबसे छाेटा कार्यकाल एसपी आमेर सिंह का मात्र 23 दिन 19 अप्रैल से 12 मई 1952 तक रहा था। जबकि एसपी एसआर शर्मा 07 जुलाई.1962 से 02 जून 1966 तक 3 साल 10 माह 25 दिन तक रहे। भरतपुर में अब तक 60 आईपीएस एसपी रह चुके हैं। भरतपुर के पहले एसपी सुल्तान सिंह थे, मृदुल कछावा 61 वें भरतपुर के पुलिस अधीक्षक होंगे।
