किसानों के लिए खुशखबरी! भरतपुर की सरसों की दो वैरायटी को मिला राष्ट्रीय मान्यता, अब देशभर में होगी खेती
भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर ने सरसों की दो नई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल गई है। ‘भारत सरसों-7’ व ‘भारत सरसों-8’ नाम की ये किस्में देश के 12 राज्यों में खेती के लिए अधिकृत हो गई हैं।
किसानों की बढ़ेगी आमदनी
निदेशक डॉ. विजय वीर सिंह ने बताया कि इन किस्मों को देश के अलग-अलग क्षेत्रों की जलवायु और खेती की चुनौतियों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। भारत सरसों-7 बारिश पर निर्भर क्षेत्रों के लिए आदर्श है, वहीं भारत सरसों-8 ज्यादा तापमान व नमी सहन कर सकती है। उन्होंने कहा कि इन किस्मों से न केवल खाद्य तेल जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी बड़ा योगदान होगा।
भारत सरसों-8
भारत सरसों-8 मध्यम अवधि में तैयार होने वाली किस्म है। यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर जैसे मौसम में उतार-चढ़ाव वाले राज्यों के लिए उपयुक्त है। यह किस्म 2200 से 2600 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक उपज देने में सक्षम है। और उच्च तेल प्रतिशत के कारण व्यावसायिक खेती के लिए फायदेमंद होगी।
भारत सरसों-7
भारत सरसों-7 की फसल जल्द तैयार होगी। यह कम सिंचाई व वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इसे बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अपनाने की सिफारिश की है। यह किस्म कम लागत में अधिक उपज व अच्छा तेल प्रतिशत देती है।
