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Bharatpur गणेश चतुर्थी आज, घर में पधारो गजाननजी, म्हारे घर में पधारो

 
Bharatpur गणेश चतुर्थी आज, घर में पधारो गजाननजी, म्हारे घर में पधारो
भरतपुर न्यूज़ डेस्क, भरतपुर  10 दिवसीय गणेश महोत्सव का आगाज मंगलवार को होगा। चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त में गणपति की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही शहर में गणेश महोत्सव शुरू हो जाएगा। इसी के साथ ही शहर के कारोबार जगत में रौनक और बढ़ जाएगी। हाल में बारिश से किसानों के चेहरे पर भी रंगत आ गई है। फसलों के बेहतर उत्पादन की संभावना बन गई है। गणेशोत्सव से लेकर दीपावली तक शहर में अच्छे कारोबार की भी उम्मीद है। विभिन्न संगठनों की ओर से गणेश पांडालों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। भगवान गणेश छोटी-बड़ी प्रतिमाओं को स्थापना के लिए लोग सोमवार को लेकर गए। कोई भगवान को सिर पर रखकर समूह में गणपति बप्पा के उद्घोषों के साथ ले गए तो काफी संख्या में लोग समूह में गणपति बप्पा मोरिया के उद्घोषों के साथ प्रतिमाओं को स्थापना के लिए ले गए। कुछ भक्त मंगलवार को भी प्रतिमाओं की खरीदारी करेंगे।

एक लाख 11 हजार मोदकों का लगेगा भोग

श्रीबजरंग सेवक ट्रस्ट समिति की ओर से 33वें गणेश महोत्सव के तहत मंगलवार को श्री गणेश स्थापना एवं फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी। सुबह 8.30 बजे आशियाना फ्रेंडस कॉलोनी, बापू नगर पर मुम्बई से मंगवाई गई साढ़े पांच फीट की आकर्षक गणपति प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। पूजनोपरान्त गणेश प्रतिमा को रथ में बिठाकर अटलबन्ध स्थित गणेश मन्दिर पर लाया जाएगा। गणेश प्रतिमा के रथ को ट्रस्ट के सदस्य हाथों से खींचते हुए काली की बगीची होते हुए गणेश मन्दिर पहुंचेंगे। इसी दिन सायं 5 बजे से गणेश मन्दिर, अटलबन्ध पर फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी। इस अवसर पर एक लाख ग्यारह हजार मोदकों का महाप्रसाद लगाया जाएगा। इस प्रसाद को अगले दिन शहर भर में वितरित किया जाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष नीरज गोयल सर्राफ के अनुसार इस वर्ष गणेश मंदिर पर बाबा श्री खाटूश्याम जी की आकर्षक झांकी भी लगाई जाएगा। श्रीगजानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से पुराना बयाना बस स्टैंड के पास गणेशोत्सव मनाया जाएगा। इसमें सुबह प्रभात फेरी निकाली जाएगी। संगम मैरिज होम में गणपति प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। शाम को फूल बंगला झांकी से सजाया जाएगा।गणशोत्सव की तैयारियां पूरी हो गई हैं। शहर में 30 से भी अधिक स्थानों पर पांडालों और झांकियों में गजानन विराजेंगे। हजारों घरों में भी गणेशजी की स्थापना होगी। पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों की रक्षा के लिए इस बार मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रतिमाओं में भी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल हुआ है।