Bharatpur किए गए दावे गायब, आरोप-प्रत्यारोप और तीखी बयानबाजी तक पहुंचा चुनाव प्रचार

भरतपुर न्यूज़ डेस्क, भरतपुर प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार का स्वर 10 दिन में अलग ही ट्रेक पर पहुंच गया है। जनता से वोट की अपील की शुरुआत तो विकास के दावों या क्षेत्र की समस्याएं गिनाने से हुई थी, लेकिन आखिरी दौर आते-आते व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप और धर्म-सनातन पर आकर टिक गया है। प्रचार के आखिरी समय में कुछ प्रमुख प्रतिद्वंदियों के बीच नौबत गहमागहमी तक भी पहुंची है। प्रतिद्वंदी के खिलाफ नए-पुराने वीडियो, आडियो, पर्चे भी जारी करने की पॉलिटिक्स हुई है। मतदाताओं के मन पर कितनी और कैसी छाप छूटी, यह तो चुनाव परिणाम से पता चलेगा, लेकिन वोटर्स ने खामोशी से सभी की बात सुन प्रत्याशियों का मनोबल बढ़ाने में कमी नहीं छोड़ी है।
ऐसे बदलते गए प्रचार के स्वर
नाम वापसी का समय समाप्त होने के बाद प्रत्याशियों ने सात नवंबर से फुलफ्लैश तरीके से चुनाव प्रचार शुरू किया। शुरुआत में मौजूदा विधायक विकास कार्यों का दावा लेकर जनता के बीच पहुंचे तो विरोधी प्रत्याशियों ने जन समस्याएं गिनाई। मेडिकल कॉलेज, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, कृषि कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, सिटी फ्लड कंट्रोल ड्रेन (सीएफसीडी), पर्यटन विकास, चंबल प्रोजेक्ट से पानी की सप्लाई, जिले में कुछ स्थानों पर बालिका महाविद्यालय, सडक़ों के लिए बजट, डीग को जिला बनाना, कस्बों को नगरपालिका बनाना जैसे दावे प्रमुखता से रखे गए। इसके विपरीत सुजानगंगा नहर का जीर्णोद्धार, खननमाफिया का प्रभाव व अवैध खनन, सडक़ निर्माण में भ्रष्टाचार, बदहाल यातायात, खस्ताहाल ड्रेनेज सिस्टम, लचर पेयजल व्यवस्था जैसे मुद्दे जनता को याद दिलाए गए हैं।
शब्द बाण भी इस कदर छोड़ रहे
आखिरी दौर में कुछ विधानसभाओं में व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई। कहीं खुलकर तो कहीं दबी जुबान सोशल मीडिया के जरिए व्यक्तिगत हमले होने लगे हैं। डर का माहौल, भ्रष्टाचारी, कमीशनखोरी, भूमाफिया, गुंडे, जमीन में गाड़ देंगे, पप्पू, पीट-पीटकर भगा देंगे, शराबी, नासमझ, मूर्खों के मुखिया जैसे शब्द उपयोग हुए। अपील में धर्म-सनातन शब्द भी शामिल हो गए। होर्डिंग्स-फ्लेक्स पर सनातन की रक्षा की बाते पढ़ने को मिली। मैं भी सनातनी, धर्म किसी पार्टी की बपोती नहीं जैसी बातें सुनाई देने लगी।
वायरल पॉलिटिक्स
जिले में ऑडियो-वीडियो वॉयरल होने की पॉलिटिक्स भी हुई लेकिन मतदाताओं के बीच यह ज्यादा असरकारक नहीं रही।
-नगर से कांग्रेस प्रत्याशी वाजिब अली को लेकर एक ऑडियो वायरल हुआ। इसमें देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लगाया गया। मामला थाने तक पहुंचा और जांच में गलत पाया गया।
-नगर से ही भाजपा प्रत्याशी जवाहर सिंह बेढ़म का एक कार्यकर्ता के साथ वाट्सअप चेट का पुराना मामला वायरल हुआ। भाजपा ने इसे फर्जी करार दिया।
-कामां से कांग्रेस प्रत्याशी जाहिदा खान के एक परिजन का अधिकारियों को धमकाने के अंदाज वाला ऑडियो वायरल हुआ।
-कामां से भाजपा प्रत्याशी नौक्षम चौधरी का गोलियां चलाने, पत्थर फेंकने का जवाब देने का ऑडियो वायरल हुआ।
-जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों से 11 प्रत्याशियों के नोटों की माला पहनने के वीडियो वायरल हुए।
-नदबई कांग्रेस प्रत्याशी जोगिन्दर सिंह अवाना के साथ विवाद का पुराना वीडियो वायरल हुआ।
-नदबई से भाजपा प्रत्याशी जगत सिंह का एएसआई को धमकाने व एक भाषण में प्रत्याशी को चुनौती देने के ऑडियो-वीडियो वायरल हुए।