ACB का बड़ा एक्शन! भ्रष्ट ASI ने मांगी थी ₹10,000 की रिश्वत, ₹5,000 लेते ही रंगे हाथ गिरफ्तार, अब खाएगा जेल की हवा
राजस्थान में पुलिस के भ्रष्टाचार का मुद्दा हमेशा सुर्खियों में रहता है। डीजीपी राजीव शर्मा ने हाल ही में राज्य के सभी एसपी को थानों पर नजर रखने और उनका निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वे अपने-अपने थाना क्षेत्रों में इस तरह काम करें कि लोग पुलिस का नाम लें। लेकिन पुलिस विभाग डीजीपी राजीव शर्मा के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहा है। यहां पुलिस विभाग के कर्मचारी उन्हीं लोगों से रिश्वत मांग रहे हैं जिनकी उन्हें मदद करनी है। ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ऐसे पुलिस कर्मचारियों पर कड़ी नजर रख रहा है।
एसीबी की टीम ने एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को 5000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई मंगलवार (29 जुलाई) को डूंगरपुर में की गई। जहाँ चौरासी थाने में तैनात एएसआई जीवन लाल को 5000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
यह सौदा 10,000 रुपये की रिश्वत में हुआ था
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की पुलिस महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि एसीबी चौकी, डूंगरपुर को एक शिकायत मिली थी, जिसमें शिकायतकर्ता के भाई और भतीजे को चौरासी (झौंथरी) थाने के सहायक उपनिरीक्षक जीवन लाल ने थाने में ले जाकर हवालात में बंद कर दिया था। जब शिकायतकर्ता ने थाना चौरासी जाकर सहायक उपनिरीक्षक जीवन लाल से पूछा कि उसने उसके भाई और भतीजे को हवालात में क्यों बंद कर दिया है, तो आरोपी एएसआई ने बताया कि 4 महीने पहले लाबासौद में एक अन्य व्यक्ति और भतीजे के बीच झगड़ा हुआ था। जब शिकायतकर्ता ने अपने भाई को छोड़ने के लिए कहा, तो आरोपी ने 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।
जबकि 26 जुलाई को जब एसीबी टीम ने रिश्वत की मांग का सत्यापन किया, तो आरोपी एएसआई ने इस दौरान 3000 रुपये की रिश्वत ले ली। यह भी तय हो गया था कि बाकी 7000 रुपये की रिश्वत बाद में ली जाएगी। इसके बाद 29 जुलाई को एसीबी की टीम ने एएसआई जीवन लाल को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जिसमें एएसआई 5000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। अब एसीबी की टीम एएसआई से पूछताछ कर रही है। इस मामले के बाद कई खुलासे होंगे और अन्य जगहों पर भी छापेमारी की जा सकती है।
