Aapka Rajasthan

Bharatpur के पीड़ित सिलिकोसिस पोर्टल पर नहीं कर पा रहे आवेदन

 
Jhunjhunu परीक्षा पास करो, अपने गृह जिले में आओ, आज आवेदन लास्ट 

भरतपुर न्यूज़ डेस्क, डीग को जिले का दर्जा मिले एक साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन लोगों को अभी भी जिले की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित एक व्यक्ति मदद के लिए महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। यहां तक ​​कि उसका रजिस्ट्रेशन भी अभी तक नहीं हुआ है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भरतपुर में सिलिकोसिस बीमारी की जांच होने के बाद ही प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अब पीड़ित ने जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज को लिखित आवेदन देकर गुहार लगाई है। डीग उपखंड की ग्राम पंचायत इकलेरा के गांव गदलपुर निवासी 45 वर्षीय घनश्याम पुत्र रामचंद्र जाटव सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित है और उसका परिवार बड़ी आर्थिक तंगी में दिन गुजारने को मजबूर है।

पत्थर काटने का काम करने के कारण वह सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित हो गया। इसके बाद वह काम नहीं कर पा रहा है, क्योंकि वह घर पर ही रहकर सिलिकोसिस का इलाज करा रहा है। घनश्याम ने बताया कि उसने सरकार की ओर से सिलिकोसिस रोगियों को दी जाने वाली सहायता राशि व पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का भी प्रयास किया, लेकिन डीग नया जिला होने के कारण उसका आवेदन पत्र ऑनलाइन नहीं भरा जा सका। जिस पर घनश्याम ने जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर सरकार की ओर से सिलिकोसिस से पीड़ित लोगों को दी जाने वाली सहायता राशि व पेंशन दिलवाने की गुहार लगाई है। कलेक्टर भारद्वाज ने जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय सिंघल को निर्देश दिए हैं कि वे सिलिकोसिस पीड़ित घनश्याम का आवेदन पत्र ऑनलाइन करवाकर उसे सहायता राशि व पेंशन दिलवाएं। ^भरतपुर में सिलिकोसिस बीमारी की जांच होने के बाद पूरी प्रक्रिया भरतपुर से ही होती है, डीग में अभी कोई प्रक्रिया नहीं हो रही है। डॉ. विजय गोयल, सीएमएचओ डीग।