Bharatpur मेले हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, आपसी मेलजोल बढ़ता है

इस अवसर पर अधिकारियों ने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। मेलों के माध्यम से लोगों का आपसी मेलजोल बढ़ता है। वहीं मेले में लोगों को दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने में आसानी रहती है। मेले में श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना के साथ ही मनोरंजन का भी मौका मिलता है। इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र पाराशर, भौरयालाल पाराशर, बृजेंद्र शर्मा, रामदयाल भ्राता, पूरन सिंह चावला, सुरेंद्र पाराशर, बबलू पाराशर आदि मौजूद रहे। पहले दिन ही शीतला माता के दर्शनों व मेले को देखने के लिए ग्रामीण अंचलों से काफी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे मेले में पहुंचे।
मेले में आए श्रद्धालुओं ने शीतला माता की पूजा अर्चना कर घर-परिवार में सुख-समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। पांच दिवसीय इस मेले के दौरान सैन, धाकड़, जांगिड़ व गुर्जर समाज की सालाना बैठकें भी होंगी। इसके साथ ही घुड़दौड़ और नाल उठाओ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। मेले में भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल मंदिर लगाई गई है। सांसद रंजीता कोली और पंचायत समिति प्रधान मुकेश कोली ने पूजा अर्चना करने के साथ ही लोगों को खुद पानी पिलाकर प्याऊ का शुभारंभ किया।