Bharatpur भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया, निर्माण लाडू चढ़ाया
भरतपुर न्यूज़ डेस्क, भरतपुर गोवर्धन रोड पुरानी डीग स्थित श्री चन्द्राप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में बुधवार को जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव बडे ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। पूरे विश्व में इस वर्ष का बड़ा संयोग बना हुआ है। इस वर्ष 23 तारीख भी है, 23वें तीर्थंकर है और वर्ष 23 का महासंयोग बना हुआ है। यह दिन कुदरत का करिश्मा और बड़ा सौभाग्यशाली दिन होगा। कार्यक्रम में सुबह मंदिर परिसर में श्री जी का अभिषेक कर संपूर्ण विश्व में शांति एवं सुख समृद्धि की कामना से शांति धारा कर विशेष पूजा अर्चना की गई।
साथ ही निर्माण लाड़ू चढ़ाया जाएगा। मंदिर महंत भारत भूषण जैन ने बताया कि जैन धर्म की मान्यतानुसार सावन माह के शुक्लपक्ष सप्तमी के दिन जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इसलिए उनका मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जाता है। बुधवार को इसमें बड़ी संख्या में समाजजन शामिल होकर पुण्यलाभ के साक्षी बने। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए मोहरूपी शत्रु का नाश करना पडता है। विनय ही मोक्ष का द्वार है। इसलिए सभी को चैतन्य प्रभु से रिश्ता जोडना चाहिए। इस अवसर पर योगेश जैन, संजय जैन, राजेन्द्र जैन, हरी बाबू, गोपीचन्द, शकुंतला, लक्ष्मी, रजनी, ऊषा, शांती सहित बडी संख्या में महिला-पुरूष मौजूद रहे।
श्रद्धा भक्ति से मनाया महोत्सव
कामां. सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा कस्बे के चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पर तीर्थंकर पार्श्वनाथ स्वामी के मोक्ष कल्याणक पर्व पर कल्याण मंदिर पार्श्वनाथ विधान का आयोजन किया गया। चन्द्रप्रभु मंदिर के व्यवस्थापक गौरव जैन निक्की ने बताया कि बुधवार सुबह प्रथम अभिषेक शांतिधारा करने का सौभाग्य सुरेश चंद, कैलाश जैन परिवार को प्राप्त हुआ। विधान का संचालन अनिल जैन अगोनिया रिंकेश जैन ने किया। संगीत दीपक जैन सराफ ने दिया। सम्मेद शिखर के स्वर्णभद्र कूट से सावन सुदी सप्तमी को मोक्ष गए जैन समाज के अध्यक्ष सुभाष जैन ने बताया कि विधान में 48 अर्ध्य के माध्यम से भगवान पार्श्वनाथ की पूजा की गई। दोपहर को णमोकार महामन्त्र पाठ की स्थापना की गई और साय मंगल आरती की गई। भगवान पार्श्वनाथ स्वामी के जीवन चरित्र पर प्रश्न मंच के माध्यम से स्वाध्याय किया गया। उमेश कुमार श्रेयांश जैन परिवार द्वारा भगवान के कल्याणक पर्व पर रजत बहमण्डल चढ़ाया गया। विधान में जैन समाज के संरक्षक महावीर जैन, देवेंद्र जैन अभियन्ता, पवन जैन, राजेन्द्र जैन सहित महिलाएं, पुरुष व बच्चों ने भक्ति भाव से विधान किया।
