भजनलाल शर्मा के पेट्रिक गांव समेत Bharatpur विकास प्राधिकरण में सम्मिलित होंगे नए गांव, यहां पढ़े बड़ी खबर
भरतपुर न्यूज़ डेस्क - भरतपुर विकास प्राधिकरण का दायरा और बढ़ेगा। इसमें 20 और नए गांव जोड़े जाएंगे। गांवों की इस सूची में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पैतृक गांव अटारी को भी शामिल किया गया है। बताया जाता है कि विकास प्राधिकरण के लिहाज से आबादी कम महसूस की जा रही थी, ऐसे में इन गांवों के शामिल होने के बाद भरतपुर विकास प्राधिकरण का दायरा भी बढ़ जाएगा। साथ ही इन गांवों के विकास को भी गति मिलेगी। साथ ही मुख्यमंत्री के पैतृक गांव को भरतपुर विकास प्राधिकरण में शामिल करने से विशेष बजट और योजना भी मिल सकती है। जानकारी के अनुसार इससे पहले राज्य सरकार ने 15 दिसंबर 2024 को भरतपुर विकास प्राधिकरण का गजट नोटिफिकेशन जारी कर 209 गांवों को इसमें शामिल किया था। हालांकि उस समय सिर्फ भरतपुर और कुम्हेर के गांव ही शामिल किए गए थे, लेकिन अब प्रस्तावित सूची में कुम्हेर के साथ डीग और नदबई के कुछ गांव भी शामिल किए जा सकते हैं।
तीनों तहसीलदारों से मांगी गई सूची
भरतपुर विकास प्राधिकरण के भूमि अवाप्ति अधिकारी ने नदबई, डीग और रारह के तहसीलदारों को पत्र भेजकर राजस्व गांवों की सूची मांगी है। प्रस्तावित गांवों की सूची में अभौरा, तलफरा, नगला बाघा, डिडवारी, कासोट प्रथम, कासोट द्वितीय, कौंरेर, जटोली कदीम, खेड़ा ब्राह्मण, समई, बरौली चौथ, श्यामढाक, पूंछरी, गगवाना, चैनपुरा, बछामदी, अटारी, तोहिला, कौथेन कला, कौथेन खुर्द, अलीपुर, नगला मिरचुआ, बझेरा, बसैया कला समेत करीब 20 गांवों को शामिल किया गया है।
कुम्हेर और राढ़ के ये गांव पहले ही शामिल थे
डहरा, गोलपुरा, चक लुचपुरी, बेलारा कलां, सूरौता, अढैया खुर्द, बेलारा खुर्द, नगला गंगा, नगला मांझी, नगला मल्लू, नगला सवाई राम, नगला जोध सिंह, नगला तुही राम, नगला बघेर्रा, नगला बुध सिंह, हेलक, नगला ग्यासिया, नगला खुटेला, विजय नगर, पिचगई, जरहरा, बाबैन, कंचनपुरा, सैह, चौकीपुरा, बौराई, चक रारह में सईह और चक सकितरा तथा रारह में रारह, बुरवई, नगला बढ़ैया, अवार, उवार, लुधवाड़ा, सोगर और नगला जीवना को पहले ही भरतपुर विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया था।
नगर निगम का दायरा भी बढ़ गया है
एक माह पहले नगर निगम ने भी अपनी सीमा का विस्तार करते हुए 32 गांवों को इसमें शामिल कर लिया था। हालांकि वार्डों की संख्या 65 ही रहेगी, लेकिन हर वार्ड में मतदाताओं की संख्या पिछली सूची से बढ़ जाएगी। शामिल गांवों के लिए अलग से कोई नया वार्ड नहीं बनाया जाएगा। चूंकि नगर निगम के लिए साढ़े तीन लाख की आबादी जरूरी थी, इसलिए सीमा विस्तार का प्रस्ताव लंबे समय से बन रहा था। साथ ही नियम है कि साढ़े तीन लाख की आबादी में 65 वार्ड ही हो सकते हैं। निगम ने यह सीमांकन राजस्व मानचित्रों के आधार पर किया है।
