गुर्जर आंदोलन के बाद अब राजस्थान में जात समाज ने भरी हुंकार! इन मांगों को लेकर किया महापंचायत का ऐलान

एक तरफ राजस्थान में आरक्षण के लिए गुर्जर समाज आंदोलन कर रहा है। गुर्जर समाज की महापंचायत के बाद भरतपुर, धौलपुर और डीग के जाटों ने भी आरक्षण के लिए मोर्चा खोल दिया है। अब गुर्जर समाज ने भी महापंचायत का ऐलान कर दिया है। केंद्र सरकार में जाटों को आरक्षण देने की मांग को लेकर कल यानी 11 जून को डीग जिले के कुम्हेर में पैंगोर चमार माता मंदिर पर महापंचायत का आयोजन होने जा रहा है। इस महापंचायत में जाट समाज के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है। महापंचायत के दौरान समाज की एक कमेटी बनाई जाएगी जो तय करेगी कि आगे क्या करना है।
भरतपुर-धौलपुर और डीग के जाटों के प्रति उदासीनता
आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि आरक्षण की मांग को लेकर वर्ष 2000 से आंदोलन चल रहा है। लेकिन पता नहीं सरकार ने हमारी बात को गंभीरता से क्यों नहीं लिया। जहां भी कानूनी दिक्कत है, हम भी समझते हैं। भरतपुर, डीग और धौलपुर के जाटों का मामला यह है कि पूरे राजस्थान के जाटों को केंद्र में आरक्षण मिला हुआ है। सिर्फ तीन जिलों भरतपुर, धौलपुर, डीग के जाटों को इससे वंचित रखा गया है।
नया कानून बना, फिर भी अधिसूचना जारी नहीं
उन्होंने बताया कि 2013 में भी आरक्षण मिला था, लेकिन 2015 में इसे खत्म कर दिया गया। जब हमने दोबारा आंदोलन किया तो 23 अगस्त 2017 को राज्य में आरक्षण दिया गया। पिछली बार 2024 में जब जैचोली गांव में महापड़ाव डालकर आंदोलन किया गया तो सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने हमारा पक्ष अच्छे से रखा। ओबीसी आयोग की रिपोर्ट भी भेजी गई। अगर किसी जाति को नया आरक्षण देना होता है तो उसके लिए नया कानून बनता है और लंबी प्रक्रिया होती है। लेकिन हमारी मांग अलग है, आरक्षण के लिए कैबिनेट में अधिसूचना जारी होनी चाहिए। क्योंकि राजस्थान के जाट पहले से ही केंद्र में आरक्षण का लाभ ले रहे हैं।
डीग, भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र में इस आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए कल यानि 11 जून को डीग जिले के कुम्हेर उपखंड के गांव पैंगोर में चमार माता मंदिर पर एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसमें समाज के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है और इन लोगों की एक कमेटी आगे की रणनीति बनाएगी।