सिंधु जल समझौता स्थगित होने से अब रेगिस्तान में फैलेगी हरियाली, बाड़मेर-जैसलमेर में जल क्रांति की उम्मीद
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इस फैसले से उत्तर भारत के कई राज्यों समेत पश्चिमी राजस्थान के सूखा प्रभावित इलाकों के लिए नई उम्मीद जगी है। सिंधु जल संधि के निलंबित होने से पाकिस्तान को जाने वाले पानी का कुछ हिस्सा अब भारत में आ सकेगा, जिसका फायदा राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर जैसे पानी की कमी वाले शहरों को मिल सकता है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के साहसिक फैसले ने न सिर्फ पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है, बल्कि पश्चिमी राजस्थान के मारवाड़ इलाके के लिए खुशहाली की नई राह भी खोल दी है। हरिके बैराज पंजाब में रावी और सतलुज नदियों के संगम पर स्थित है, जहां से इंदिरा गांधी नहर (IGNP) निकलती है। यह नहर बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर तक जाती है, जो राजस्थान के सूखा प्रभावित इलाकों को पानी मुहैया कराती है।
पानी की उपलब्धता से आएगी नई क्रांति अब राजस्थान सरकार की मंशा है कि सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद जो पानी पाकिस्तान की ओर जा रहा है, उसे हरिके बैराज से इंदिरा गांधी नहर में डाला जाए, ताकि प्रदेश के सूखे इलाकों को पानी मिल सके। यदि पाकिस्तान जाने वाले सिंधु नदी के पानी को डायवर्ट कर राजस्थान में डाला जाए, तो राजस्थान का पश्चिमी सूखा इलाका हरा-भरा हो जाएगा। ऐसा हुआ, तो पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर जैसे रेगिस्तानी जिलों में सिंचाई और पेयजल की समस्या हल हो जाएगी और फसलें लहलहा उठेंगी।
जलदाय विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता महेश कुमार शर्मा के अनुसार यदि इंदिरा गांधी नहर का विस्तार कर बाड़मेर-जैसलमेर जैसे इलाकों के लोगों को सिंधु नदी का पानी मिले, तो नई क्रांति आ जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी की कमी से जूझ रहे इन इलाकों में पानी पहुंचाया जाए, तो रेगिस्तान हरा-भरा हो जाएगा।
