क्या पुरानी बातों को भूल फिर BJP का हिस्सा बनेंगे रविंद्र सिंह भाटी, तस्वीर ने सियासी गलियारों में मचाई हलचल

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क - बाड़मेर जिले के निर्दलीय और निष्कासित प्रत्याशियों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों में अनिर्णय की स्थिति है। निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतने वाले विधायकों का झुकाव भाजपा की ओर है। वहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से निष्कासित पूर्व विधायक घर वापसी को बेताब हैं। दोनों ही पार्टियां अब असमंजस में हैं कि उनके आने से क्या लाभ और हानि होगी? मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान बाड़मेर विधायक (निर्दलीय) डॉ. प्रियंका चौधरी और शिव विधायक (निर्दलीय) रविंद्र सिंह भाटी मंच पर थे। प्रियंका चौधरी ने जीत के तुरंत बाद ही घोषणा कर दी थी कि वे पार्टी विचारधारा के साथ हैं। वे लोकसभा चुनाव और अन्य कार्यक्रमों में भी हमेशा भाजपा के साथ रही हैं। वहीं विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रविंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हुए थे। फिर टिकट वितरण से नाराज होकर वे पार्टी छोड़कर निर्दलीय खड़े हो गए। हाल ही में मुख्यमंत्री के बाड़मेर दौरे के दौरान भी रविंद्र सिंह भाटी भाजपा के तमाम नेताओं के साथ मंच पर थे। अब तक उनका झुकाव भी भाजपा की ओर ही नजर आ रहा है।
कांग्रेस में निष्कासितों का निष्कासन
शिव के पूर्व विधायक अमीन खान और बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। अमीन खान को विधानसभा चुनाव के बाद निष्कासित कर दिया गया था। अब वे बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने पार्टी का समर्थन किया था। हाल ही में उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने निर्दलीय रविंद्र सिंह का समर्थन नहीं किया। अमीन खान कई बार जयपुर और दिल्ली के चक्कर काट चुके हैं। उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया गया है। इसी बीच सीडी प्रकरण के चलते मेवाराम जैन को निष्कासित कर दिया गया। वे भी इसी उधेड़बुन में हैं कि पार्टी उन्हें वापस ले, लेकिन कांग्रेस में दूसरा गुट उनके आड़े आ रहा है।
पुरानी बातें भूलने की अपील
शिव के जिला अध्यक्ष होने के बावजूद फतेह खान ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, तब अमीन खान को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। इसके लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने फतेह खान को वापस पार्टी में ले लिया था। अब हाल ही में फतेह खान ने कांग्रेस संगठन के एक कार्यक्रम में कहा कि पुरानी बातें भूल जाइए।