क्या है सुदर्शन चक्र जो भारत-पाक तनाव के बीच बना गेम चेंजर ? जानिए इसका पौराणिक इतिहास और श्रीकृष्ण से संबंध

इन दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। गुरुवार रात पाकिस्तान की ओर से कई ड्रोन मिसाइलें दागी गईं। राजस्थान की पाकिस्तान सीमा पर कई मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया। इन ड्रोन मिसाइलों को S-400 ने नष्ट कर दिया। इस S-400 को सुदर्शन चक्र कहा जाता है। महाभारत में भी श्रीकृष्ण के पास सुदर्शन चक्र का जिक्र है। रूस से मिले सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की तैनाती को लेकर भारत में काफी चर्चा हो रही है। भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञ इस तकनीक को 'आधुनिक सुदर्शन चक्र' कह रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि असली सुदर्शन चक्र क्या था, इसे किसने धारण किया था और श्रीकृष्ण ने इससे निर्णायक युद्धों का रुख कैसे बदल दिया था?
सुदर्शन चक्र क्या है?
सुदर्शन चक्र हिंदू धर्म में एक दिव्य अस्त्र है जिसे भगवान विष्णु ने धारण किया था। यह एक अत्यंत तेज गति से घूमने वाला चक्र है जो किसी भी लक्ष्य को भेदने में अद्वितीय माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के अवतार के रूप में इस चक्र को धारण करते थे। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह चक्र भगवान विष्णु के दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली पर स्थिर रहता है और आवश्यकता पड़ने पर संकल्प मात्र से चलने लगता है और लक्ष्य को मारकर वापस लौट आता है।
श्रीकृष्ण सुदर्शन चक्र की क्या विशेषताएं हैं
भगवान श्री कृष्ण सुदर्शन चक्र धारण करते थे। जिसके कारण सभी शत्रु उनसे भयभीत रहते थे। इसे सबसे अचूक अस्त्र माना जाता था। यह अस्त्र बहुत शक्तिशाली था, क्योंकि छोड़े जाने के बाद यह शत्रु का नाश करके ही वापस लौटता था। इस अस्त्र को किसी भी तरह से रोक पाना असंभव था। जब भी श्री कृष्ण अपना सुदर्शन चक्र उठाते थे तो यह हमला किए बिना वापस नहीं लौटता था। भले ही उन्होंने सुदर्शन से किसी को मारने की बजाय किसी की शक्ति या अभिमान पर हमला किया हो।
श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र का प्रयोग कब किया?
शिशुपाल वध (महाभारत)
जब शिशुपाल ने राजसूय यज्ञ में श्री कृष्ण का बार-बार अपमान किया और सौ से अधिक अपराध किए, तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र का प्रयोग करके उसका वध कर दिया।
जयद्रथ को मारने के लिए सूर्यग्रहण का भ्रम
ऐसा भी कहा जाता है कि महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से सूर्य को ढक दिया था, जिसके कारण जयद्रथ अर्जुन से बचकर भागने की कोशिश करना बंद कर दिया और अर्जुन ने उसका वध कर दिया।
भीष्म पितामह की ओर भागा
महाभारत के एक प्रसंग में जब अर्जुन भीष्म पितामह से युद्ध नहीं कर रहे थे, तब क्रोधित श्री कृष्ण युद्ध के नियमों को तोड़ते हुए रथ से उतरकर सुदर्शन चक्र लेकर भीष्म पितामह की ओर भागे। बाद में अर्जुन ने श्री कृष्ण से क्षमा मांगी और भीष्म पितामह से भीषण युद्ध शुरू कर दिया।
एस-400 को 'आधुनिक सुदर्शन चक्र' क्यों कहा जा रहा है?
एस-400 रूस द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है जो 400 किलोमीटर की दूरी तक हवा में दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसकी गति, सटीकता और बहु-लक्ष्य भेदन क्षमता इसे 'सुदर्शन चक्र' जितना ही प्रभावी बनाती है। विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह सुदर्शन चक्र दुश्मन का नाश करके वापस लौटता था, उसी तरह एस-400 आसमान में किसी भी घुसपैठ या हमले को रोकने में सक्षम है।
राजनीतिक और सैन्य दृष्टि से इसका प्रभाव
भारत द्वारा एस-400 की तैनाती से न केवल सामरिक लाभ मिलता है, बल्कि इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है। जिस तरह पौराणिक काल में सुदर्शन चक्र की उपस्थिति मात्र से दुश्मन डर जाते थे, उसी तरह आज यह प्रणाली दुश्मन देशों के लिए बड़ी बाधा बन गई है।
सुदर्शन का अर्थ है धर्म, न्याय और सुरक्षा की रक्षा
जहां सुदर्शन चक्र श्री कृष्ण के हाथों से भागकर अधर्म का नाश करता था, वहीं आज एस-400 भारत की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक धार्मिक प्रतीक और एक आधुनिक तकनीक - दोनों में एक रहस्यमय समानता है: धर्म, न्याय और सुरक्षा की रक्षा।
क्या हैं एस-400 मिसाइल की 10 खूबियां
1- एस-400 मिसाइल को एक खतरनाक और शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है।
2- एस-400 मिसाइल सिस्टम किसी भी हवाई हमले से बचाने में सक्षम है
3- इस मिसाइल को रूस से खरीदा गया था, इसे खरीदने के लिए करीब पांच अरब डॉलर में डील हुई थी
4- एस-400 मिसाइल को 2018 में खरीदा गया था
5— इस डील में भारत ने रूस से मिसाइलों की पांच यूनिट खरीदी थी.
6- मिसाइल इतनी शक्तिशाली है कि यह एडवांस फाइटर जेट्स को भी मार गिरा सकती है।
7- इसके साथ ही यह मिसाइल एक बार में एक साथ 72 मिसाइलों को लॉन्च कर सकती है।
8- इसकी ताकत इतनी है कि यह पाकिस्तान और चीन की हमले की कोशिशों को भारत पहुंचने से पहले ही खत्म कर सकती है।
9- यह बेहद शक्तिशाली हथियार है और दुश्मन को मौका भी नहीं देता।
10-एस-400: भारतीय वायुसेना ने एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 को सुदर्शन चक्र नाम दिया है. जिस तरह सुदर्शन चक्र दुश्मन को तबाह करके वापस लौट जाता था, उसी तरह एस-400 आसमान में किसी भी घुसपैठ या हमले को रोकने में सक्षम है।