बाड़मेर में हिरण शिकारियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े ग्रामीण
बाड़मेर जिले के लीलसर गांव में सोमवार को जाल के पेड़ में छिपाए बंधे 10 हिरणों के शव मिले थे। इसके बाद से ग्रामीण और वन्य जीव प्रेमी शिकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं........
राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! बाड़मेर जिले के लीलसर गांव में सोमवार को जाल के पेड़ में छिपाए बंधे 10 हिरणों के शव मिले थे। इसके बाद से ग्रामीण और वन्य जीव प्रेमी शिकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन से कई दौर की वार्ता हुई लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई है। आज दूसरे दिन मंगलवार को भी ग्रामीण धरने पर बैठे हैं।
ग्रामीणों के आने पर शिकारी भाग गये
चौहटन क्षेत्र की लीलसर ग्राम पंचायत के शेरपुरा गांव की सीमा पर सोमवार (12 अगस्त) को ग्रामीणों ने एक सुनसान जगह पर शिकारियों की हलचल देखी, जिसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों को देख शिकारी भाग गये। लेकिन, मौके पर कुछ हिरणों के शव मिले. आसपास खोजबीन करने पर कुछ अन्य हिरणों के शव छत से क्षतिग्रस्त हालत में मिले। 10 से ज्यादा हिरणों के शिकार के सबूत मिले.
ग्रामीण शिकारियों की गिरफ्तारी पर अड़ गए
ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। वन विभाग व स्थानीय पुलिस को सूचना दी गयी. पुलिस मौके पर पहुंची. वन विभाग की टीम शिकारियों की तलाश में जुट गई। हालांकि, ग्रामीण शिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी पर अड़े रहे. शिकार की घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता देख डीएफओ सविता दहिया, बाड़मेर एएसपी जसराम बोस, चौहटन डीएसपी कृतिका यादव, धोरीमन्ना डीएसपी सुखराम बिश्नोई और चौहटन एसडीएम सूरजभान बिश्नोई सहित वन विभाग पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों से बातचीत करें. लेकिन, ग्रामीण नहीं माने.
बाड़मेर पुलिस एएसपी जसराम बोस के मुताबिक, पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं और आरोपियों की तलाश जारी है. जल्द ही शिकारियों को पकड़ लिया जाएगा। डीएफओ सविता दहिया ने कहा कि मूक हिरण के शिकार की यह घटना परेशान करने वाली है. ग्रामीणों का गुस्सा जायज है. मामले की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम लगातार आरोपियों की तलाश कर रही है. आम जनता से भी अपील की जा रही है कि अगर उनके पास शिकारियों के बारे में कोई जानकारी है तो वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को दें, ताकि आरोपियों को पकड़ा जा सके. हिरण के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए डॉक्टरों की एक टीम मौके पर है. ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी तक पोस्टमार्टम कराने को राजी नहीं हैं।