पश्चिमी राजस्थान के इस ऐतिहासिक युद्ध स्थल को अब भी है वॉर म्यूज़ियम का इंतजार, मैदानों में दबी शौर्यगाथाएं
1971 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने वाला, 1965 के युद्ध में 17 रेलवे कर्मियों की शहादत देकर पाकिस्तान को धूल चटाने वाला, 1999 के कारगिल युद्ध में पश्चिमी सीमा पर आने की पाकिस्तान की हिम्मत तोड़ने वाला और 2025 के हालिया तनाव में पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को नेस्तनाबूद करने वाला पश्चिमी सीमा पर स्थित बाड़मेर जिला युद्ध संग्रहालय की लड़ाई लड़ रहा है। चार साल से युद्ध संग्रहालय की फाइल एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर घूम रही है, लेकिन बाड़मेर को एक भी युद्ध संग्रहालय नहीं मिला है। जबकि बीकानेर, जैसलमेर और गुजरात के कच्छ में युद्ध संग्रहालय बनाए गए हैं।
भारत दर्शन योजना के तहत देश के उन सीमावर्ती इलाकों में युद्ध संग्रहालय बनाए गए हैं, जहां युद्ध लड़े गए और हर जगह वीरता और शौर्य की कहानियां बिखरी पड़ी हैं। इन युद्ध संग्रहालयों में आने वाले पर्यटकों को यहां युद्ध की वीरता की कहानियां देखने को मिलती हैं। साथ ही स्थानीय लोगों को भी गर्व महसूस होना चाहिए। बाड़मेर में युद्ध संग्रहालय को लेकर 2021 में तत्कालीन जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने युद्ध संग्रहालय की फाइल आगे बढ़ाई थी। इसके बाद कलेक्टर अंशदीप के कार्यकाल में दस बीघा जमीन आवंटित की गई। युद्ध संग्रहालय के लिए जमीन आवंटित होने के बाद भी अभी तक यहां संग्रहालय स्थापित नहीं हो पाया है।
सरकार के पास फाइल
युद्ध संग्रहालय की फाइल अभी राज्य सरकार के पास है। इसे लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी को पत्र लिखा था। उपमुख्यमंत्री ने भी युद्ध संग्रहालय में रुचि दिखाने की बात कही थी, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया है।
पिता का योगदान, फिर भी फाइल अटकी
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह का 1971 के युद्ध में बड़ा योगदान रहा था। उनके अदम्य साहस, वीरता और युद्ध कौशल के कारण 1971 के युद्ध में बाखासर से चढ़ाई की गई थी। पाकिस्तान के छाछरो पर विजय प्राप्त की थी। शिमला समझौते तक 8000 वर्ग किमी भूमि भारत के कब्जे में रही।
1965 भी एक बड़ी बहादुरी थी
1965 के युद्ध में भारतीय सेना की मदद करते हुए 17 रेलवे कर्मी शहीद हो गए थे। उन्होंने बमबारी के बीच बहादुरी दिखाई। अगर युद्ध संग्रहालय बनाया जाता है तो इन वीरों की बहादुरी की कहानियां भी यहां देखने को मिलेंगी।
युद्ध संग्रहालय बनाया जाना चाहिए
हाल ही में मैं उपमुख्यमंत्री से मिला हूं। केंद्रीय मंत्री ने भी पत्र लिखा है। इसके लिए भारत दर्शन योजना के तहत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। बाड़मेर में युद्ध संग्रहालय बनाया जाना चाहिए। बाड़मेर को अब तक वंचित रखना भी गलत है।
