सूरज ढलते ही सुनसान हो जाने वाली राजस्थान की ये भुतहा जगह अब फिर से होगी आबाद, सरकार ने बनाया मास्टरप्लान
'राजस्थान का खजुराहो' किसे कहते हैं? किराडू को 'राजस्थान का खजुराहो' कहा जाता है। यहां 11वीं सदी में दक्षिण भारतीय शैली में बने मंदिरों का समूह है। इन्हें देखकर आज भी लोग अचंभित हो जाते हैं। यह किराडू अचानक चर्चा में आ गया है। वजह यह है कि 11वीं सदी के बाद किराडू फिर से आबाद होगा। पहले राजस्थान सरकार ने किराडू को राजस्व गांव बनाया और अब पंचायत समिति को प्रस्ताव भेजा गया है। इससे 48000 की आबादी और 24 ग्राम पंचायतें जुड़ींगी। कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद किराडू में कोई नहीं जाता। कुछ लोग किराडू को भुतहा मानते हैं। वहीं, कुछ लोग दैवीय श्राप में विश्वास करते हैं। लेकिन सच्चाई जो भी हो, एक बात साफ है कि किराडू का डर आज भी लोगों के मन में है। बाड़मेर से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर किराडू के मंदिर हैं दक्षिणी शैली के इन मंदिरों पर विदेशी आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी ने हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया था।
ऐसी किवदंती है कि एक साधु ने इन्हें श्राप दिया था
इसके बाद एक किवदंती यह भी है कि एक साधु के श्राप के कारण यह क्षेत्र वीरान हो गया था। तब से यहां आबादी बस नहीं पाई। अब यहां पर्यटकों को लाने और उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
किराडू की शैली इसे पूरे राजस्थान में अलग बनाती है
किराडू में 5 मंदिरों का समूह है। यह सोलंकी स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। लेकिन कुछ मंदिरों में खजुराहो के मंदिरों जैसी शिल्पकला देखने को मिलती है। यहां कई मूर्तियां खंडित हैं। हजारों साल पुराने इन मंदिरों में समय के साथ काफी बदलाव हुए हैं। किराडू की यह शैली इसे पूरे राजस्थान में अलग बनाती है।
48000 लोग जुड़ेंगे
राजस्व गांव बनाने के बाद अब किराडू को पंचायत समिति बनाने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है। इसमें 24 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। जिनकी आबादी करीब 48000 है। ऐसे में वीरान पड़े किराडू का अब इतने लोगों से सीधा जुड़ाव हो सकेगा।
पर्यटन का विकास नहीं हुआ, अब आबाद होगा
यह मंदिर खास होने के बावजूद यहां पर्यटन का विकास नहीं हो सका। घनी आबादी और आसपास सुविधाएं न होने के कारण पर्यटक यहां नहीं पहुंचते थे। हाल ही में राज्य सरकार ने इसे राजस्व गांव बनाया है।
पर्यटन विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी
किराडू 11वीं सदी से वीरान है। यहां पर्यटन विकास तभी होगा, जब यहां सुविधाएं होंगी। इसके लिए सबसे पहले यहां राम मंदिर उद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके बाद सभी की राय लेने के बाद इसे राजस्व गांव बनाया गया। अब पंचायत समिति के लिए इसका प्रस्ताव भेजा गया है। पंचायत समिति मुख्यालय बनते ही यहां पर्यटन और विकास कार्य प्राथमिकता से किए जाएंगे।
