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जादू-टोने के नाम पर रेप करने वाले तांत्रिक को मिली आजीवन कारावास की सजा, 27 दस्तावेज और 10 गवाहों के बयान के बाद मिली सजा

 
जादू-टोने के नाम पर रेप करने वाले तांत्रिक को मिली आजीवन कारावास की सजा, 27 दस्तावेज और 10 गवाहों के बयान के बाद मिली सजा 

बाड़मेर में विवाहिता से इलाज के बहाने तांत्रिक द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में बुधवार को एडीजे कोर्ट संख्या 2 के न्यायाधीश पीयूष चौधरी ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट में 10 गवाह व 27 दस्तावेज पेश किए गए। करीब 200 पेज की चार्जशीट पेश की गई है। एडीजे कोर्ट संख्या 2 ने करीब 14 माह में गवाहों व दस्तावेजों की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है। मामला बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाने में 5 मई 2020 को दर्ज हुआ था। आरोपी तभी से जेल में है। 2020 से निचली अदालत में मामला चल रहा था।

अतिरिक्त लोक अभियोजक (सरकारी अधिवक्ता) संख्या 2 अनामिका सांदू ने बताया- एक पीड़िता (तब 19 साल की) ने 5 मई 2020 को धोरीमन्ना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि महिला लगातार तीन-चार माह से किसी बीमारी से ग्रसित थी। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। फिर घरवालों ने उसे भोपा के पास जाने को कहा। फिर वह काबुली निवासी लाधूराम (70) पुत्र हरिराम के पास गई। उसने उसे भरोसा दिलाया कि उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी। उसने उसे काला जादू करने को कहा। उसने उसे एक नारियल दिया और सोते समय अपने पास रखने को कहा।

तांत्रिक ने कहा- विवाहिता के मायके में भूत है

कुछ दिन बाद 4 मई 2020 को तांत्रिक घर आया। उसने नारियल मंगवाया और पीड़िता के पति व देवर को बुलाकर कहा कि तुम्हारे मायके की तरफ से भूत आया है। मायके के गांव नाड़ी और श्मशान घाट में पूजा करानी होगी। तांत्रिक (भोपे) के बताए अनुसार पीड़िता, उसका पति व देवर कार में बैठकर भोपा के साथ मायके नाड़ी पहुंचे। उसने कार सड़क पर खड़ी कर दी और पति व देवर को वहीं बैठा दिया। उसने उनसे कहा कि पूजा स्थल पर मत आना, अगर आए तो सब बर्बाद हो जाएगा।

नाडी पर पूजा के बहाने दुष्कर्म

वह पीड़िता को करीब 10 बजे अकेले नाडी पर ले गया। वहां उसने चाकू की नोंक पर उसे धमकाया और चिल्लाया कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा। पति और देवर इंतजार करते रहे। काफी देर बाद भी जब वह वापस नहीं लौटी तो पति और देवर टार्च की रोशनी और चांदनी की मदद से वहां पहुंचे। उन्होंने तांत्रिक को दुष्कर्म करते रंगे हाथों पकड़ लिया। उन्होंने पीड़िता को तांत्रिक से छुड़वाया। उन्होंने पुलिस को बुलाया। फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

पुलिस ने पेश की चार्जशीट

पुलिस ने जांच के बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 365, 384, 376 (1) और 323 के तहत चार्जशीट पेश की। करीब 200 पन्नों की चार्जशीट पेश की गई। इसके बाद अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 10 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। साथ ही 27 दस्तावेज भी प्रदर्शित किए गए।

आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माना

सभी पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 2 पीयूष चौधरी ने बुधवार को आरोपी लाधुराम पुत्र हरिराम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (1) के तहत सजा सुनाई। दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपी को दो वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक अनामिका सांदू ने पैरवी की तथा पीडि़ता की ओर से एडवोकेट राजेश बिश्नोई ने पैरवी की।