Aapka Rajasthan

बाड़मेर की शांति देवी ने मरने के बाद भी रचा इतिहास, मौत के बाद भी चार जिंदगियों को दी नई रोशनी

 
बाड़मेर की शांति देवी ने मरने के बाद भी रचा इतिहास, मौत के बाद भी चार जिंदगियों को दी नई रोशनी

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क - जोधपुर एम्स में एक महिला ने ब्रेन डेड होने के बाद 4 अंग दान कर मिसाल कायम की। मरकर भी उसने चार लोगों की जिंदगी रोशन कर दी। साथ ही दिवंगत शांति के परिजन भी गमगीन हैं। उन्हें लगा कि शांति अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसके अंग कई लोगों को जिंदगी दे सकते हैं। डॉक्टरों ने भी इस जीवनदान को जिंदा रखा। जयपुर-जोधपुर में मरीजों को प्रत्यारोपित किया। महिला का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से बाड़मेर शहर लाया गया। वहां महिलाओं व समाज के लोगों ने पुष्प व माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। वहीं शांतिदेवी अमर रहे के नारे भी लगाए गए। 

मृतका के दामाद मुकेश ने बताया- चोहटन निवासी शांति देवी (58) पत्नी भैराराम सोनी करीब 30 दिन पहले घर पर ही ब्रेन हेमरेज (दिमाग की नस) फटने से बीमार हो गई थी। उसे बाड़मेर अस्पताल लाया गया। यहां से उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया। वह वहां 15 दिन तक भर्ती रही। इस दौरान हमने उसका चार बार ऑपरेशन करवाया। लेकिन इसके बावजूद ब्रेन डेड होने के कारण कोई हरकत नहीं हुई। हमने 10 दिन तक इंतजार किया। एम्स के डॉक्टरों ने परिजनों को बताया। परिजनों से चर्चा के बाद शांतिदेवी के किडनी, लीवर, हार्ट सहित अन्य अंग दान किए गए। 

हम बहुत खुश हैं, इसी के चलते बाड़मेर शहर में पुष्प अर्पित कर व फूल मालाएं अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। सोनी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष घेवरचंद सोनी ने बताया- वे एक माह से बीमार थे। 10 दिन तक बाड़मेर अस्पताल में भर्ती रहे। यहां से डॉक्टरों ने उन्हें जोधपुर एम्स अस्पताल भेज दिया। वे 15 दिन से एम्स में भर्ती हैं। परिजनों व समाज के लोगों से चर्चा की गई। तब सभी ने कहा कि अंगदान पुण्य का कार्य है। आज सुबह 5 बजे ऑपरेशन कर उनके चार अंग दान किए गए। इसके बाद शव सौंप दिया गया। बच्चों ने कहा कि मेरी मां किसी के काम आ जाए। इसके सहित चार अंग दान किए गए। 

बाड़मेर पहुंचने पर पुष्प अर्पित किए गए
बाड़मेर शहर में शांतिदेवी का पार्थिव शरीर पहुंचने पर एंबुलेंस को जगदंबा मंदिर के सामने रोककर उस पर पुष्प वर्षा की गई। महिलाओं और समाज के लोगों ने पुष्प और फूल मालाएं अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर चोहटन के लिए रवाना हुआ।