बाड़मेर जिले का शब्बीर 32 महीने बाद पाकिस्तान से लौटा
राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! रास्ता भटक कर पाकिस्तान पहुंचा बाड़मेर का शब्बीर वाघा बॉर्डर के रास्ते 32 महीने बाद 29 मई को भारत लौटा। दो दिन से सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं, इसके खत्म होने के बाद इन्हें परिवार के हवाले किया जाएगा। शब्बीर का गांव बाड़मेर में बॉर्डर से दो किमी दूर है। सेड़वा थाना इंचार्ज दीप सिंह ने बताया कि थाना इलाके के जानपालिया गांव निवासी मुराद खान पुत्र इस्माइल ने 24 अक्टूबर 2021 को थाने में बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में मुराद ने बताया कि उसका 25 साल का बेटा शब्बीर अहमद 23 अक्टूबर 2021 की सुबह 8 बजे से गायब है। जिसके बाद सेना के पास एक वीडियो आया, जिससे पता चला कि शब्बीर पाकिस्तान में है।
शब्बीर घर से यह कहकर गया था कि वह पास के गौशाला में जा रहा है। लेकिन वह दरगाह तक नहीं पहुंचे. घर से पाकिस्तान सीमा 2 किमी दूर है, इसलिए परिवार चिंतित था. पुलिस और परिजनों ने शब्बीर की काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। जानकारी के मुताबिक, सेना के पास एक वीडियो आया, जिससे पता चला कि शब्बीर पाकिस्तान में है. सेड़वा थाना पुलिस ने तुरंत बीएसएफ अधिकारियों को पत्र लिखकर शब्बीर के बारे में जानकारी मांगी. बीएसएफ अधिकारियों ने शब्बीर के बारे में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से बात की, लेकिन उनकी ओर से इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई कि शब्बीर पाकिस्तान पहुंच चुका है. उधर, वीडियो सामने आने के बाद शब्बीर के परिवार ने प्रशासन और सरकार से पाकिस्तान से घर वापसी की अपील की है.
शब्बीर के चाचा सुभान ने कहा- शब्बीर का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। इसलिए वह तलवारबाजी की ओर बढ़ गया होगा. बाड़ पार कर पाकिस्तान पहुंच गए. वह शादीशुदा है और उसकी दो बेटियां और एक बेटा है। उनके जाने के बाद पत्नी फैनल, बच्चों और माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल था। उन्होंने कहा- हमें 31 मई को बाड़मेर एसपी कार्यालय से सूचना मिली कि शब्बीर 29 मई को वाघा बॉर्डर (पंजाब) के रास्ते घर लौट आया है। परिवार को अमृतसर (पंजाब) बुलाया गया है। सेड़वा थाने की एक टीम परिवार को लेकर अमृतसर पहुंच गई है. फिलहाल वहां दस्तावेज पर कार्रवाई चल रही है. शब्बीर को आज परिवार को सौंपा जाएगा. जानकारी के मुताबिक पंजाब में भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने शब्बीर से पूछताछ की है. सेना सूत्रों के अनुसार, बाड़मेर के रेत के टीले हवा से उड़ जाते हैं। ऐसी जगह पर कंटीले तारों के नीचे एक जगह बनाई जाती है. इसका फायदा उठाकर लोग बाड़ के पार या उस पार चले जाते हैं। राजस्थान के गेमराराम भी इसी तरह पाकिस्तान गए थे.