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विधानसभा में बाड़मेर कलेक्टर की निष्पक्षता पर उठे सवाल, वायरल वीडियो में देखे बोले 'पहले जैसे मजबूत कलेक्टर आज नहीं

विधायक हरीश चौधरी ने आज विधानसभा में बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी का नाम बिना लिए उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने विधानसभा के सभापति से पूछते हुए कहा कि ईमानदारी से बोलो आज से पहले डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर थे वो आज है क्या? चौधरी ने बाड़मेर कलेक्टर के लिए बड़ी जिम्मेदारी से बोल सकता हूं। आज से ठीक दस साल पहले जैसे डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर थे वैसे निष्पक्ष और मजबूत कलेक्टर आज के समय में नहीं है।

 
विधानसभा में बाड़मेर कलेक्टर की निष्पक्षता पर उठे सवाल, वायरल वीडियो में देखे बोले 'पहले जैसे मजबूत कलेक्टर आज नहीं

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क - विधायक हरीश चौधरी ने सोमवार को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि "राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025" बड़े कोचिंग संस्थानों को संरक्षण देने वाला है। इस विधेयक की आलोचना करते हुए हरीश चौधरी ने तर्क दिया कि यह विधेयक बड़े कोचिंग संस्थानों के हितों को बढ़ावा देता है।


विधायक ने बाड़मेर कलेक्टर की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
विधायक ने कहा कि बाड़मेर जिला कलेक्टर (टीना डाबी) को साथ लिए बिना उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से सवाल करते हुए कहा कि ईमानदारी से बताएं, आज से पहले जिला कलेक्टर क्या थे, क्या आज भी वही हैं? चौधरी ने कहा कि बाड़मेर कलेक्टर के लिए मैं बड़ी जिम्मेदारी से बोल सकता हूं। ठीक दस साल पहले जो जिला कलेक्टर थे, आज के समय में उतने निष्पक्ष और मजबूत कलेक्टर नहीं हैं।

चौधरी ने कहा- ब्यूरोक्रेसी के अंदर गिरावट आ रही है
हरीश चौधरी ने कहा- हम सब जानते हैं कि आपकी भी शिकायतें हैं। सरकार बदलती है। जब आप सरकार में विपक्ष में होते हैं और नियमानुसार निर्णय नहीं होते हैं, तो आपको भी जनता का दुख-दर्द महसूस होता है। हम सब जानते हैं कि आज नौकरशाही किस तरह बिगड़ रही है। हम किस तरह कलेक्टर के पद का अपमान कर रहे हैं। क्या आपको नहीं पता कि आदूराम जी (चौहटन विधायक) के पंचायत पुनर्गठन में क्या हो रहा है। हम सब जानते हैं। इतना सब जानते हुए भी हम अपने युवाओं को उनके हवाले कर रहे हैं। वहां जो हश्र हुआ है, हम सब कुछ जानते हुए भी उस हश्र को उनके हवाले कर रहे हैं। जिला स्तरीय कमेटी के बारे में फिर से सोचने की जरूरत है। इसका हम सब को अनुभव है। कोई कहता नहीं, कोई मानता नहीं। मैं इसे स्वीकार करता हूं। बिल के बारे में विधायक ने कहा कि मैं समझता हूं कि जो बिल बनाया गया है, वह बड़े कोचिंग सेंटरों के संरक्षण के लिए है। जहां तक ​​मेरी समझ है।

विधायक बोले- बच्चों को कोचिंग संस्थानों की ओर धकेला जा रहा है
विधायक हरीश चौधरी ने कहा- वृद्धाश्रम की जरूरत क्यों पड़ी? पारिवारिक व्यवस्था वृद्धाश्रम की ओर ले जाती है चौधरी ने कहा कि इसके लिए हम 200 लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने राजस्थान में नौकरियों के लिए परीक्षा प्रणाली लागू की है। उन्होंने कहा कि आज परीक्षा प्रणाली के कारण बच्चे कोचिंग संस्थानों की ओर धकेले जा रहे हैं। उन्होंने कहा- परीक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है और निजी आयोजनों के लिए 100 करोड़ रुपए की जरूरत है, फिल्म उद्योग भी जरूरी है, राजस्थान दिवस के लिए एक सप्ताह है, सदन आगे नहीं बढ़ेगा, राजस्थान दिवस के लिए एक सप्ताह है, हम राजस्थान के युवाओं की प्राथमिकता कब तय करेंगे, हम 200 विधायक ईमानदार नहीं हो रहे हैं। 25 हजार करोड़ का कोचिंग कारोबार है, हम परीक्षा प्रणाली को कैसे सुधार सकते हैं, सरकार को राजस्थान के छात्रों और युवाओं के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च करने चाहिए और परीक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए पढ़ाई करानी चाहिए। हरीश चौधरी ने कहा- मौजूदा परीक्षा प्रणाली की खामियों को दूर करें हरीश चौधरी ने परीक्षा प्रणाली में सुधार और व्यवस्था को सही करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन खामियों को दूर कर ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जो पारदर्शी, निष्पक्ष और छात्रों के हित में हो। साथ ही हम 200 विधायकों को इस बिगड़ी व्यवस्था के लिए जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, आज हम प्रदेश के छात्रों को किस दिशा में धकेल रहे हैं, इस पर गहनता से सोचने और अध्ययन करने की जरूरत है।

विधायक बोले- कोचिंग संस्थानों को उद्योग बनने से रोका जाए
हरीश चौधरी ने कहा कि कोचिंग संस्थानों को "उद्योग" बनने से रोका जाए, इसके लिए शिक्षा नीति में सुधार, कौशल विकास पर जोर और रोजगार के नए अवसर पैदा करना जरूरी है, ताकि छात्र सिर्फ कोचिंग की ओर "धकेले" न जाएं, बल्कि उनके लिए विकल्पों की व्यापक श्रृंखला उपलब्ध हो। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विश्वविद्यालयों व सरकारी स्कूलों में नामांकन तथा नियमित कक्षाओं पर ध्यान देकर व्यवस्थाओं में सुधार करने की अपील की।