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चुनावी नतीजों से पहले गर्माया सियासी पारा, अब हरीश चौधरी V/S रविंद्र सिंह भाटी

 
चुनावी नतीजों से पहले गर्माया सियासी पारा, अब हरीश चौधरी V/S रविंद्र सिंह भाटी

जयपुर न्यूज़ डेस्क, लोकसभा चुनाव में राजस्थान की ही नहीं, बल्कि देश की ‘सुपर हॉट सीट’ बाड़मेर का चुनावी नतीजा अब बस तीन दिन के बाद 4 जून को सभी के सामने होगा। लेकिन इस नतीजे से ऐन पहले क्षेत्र का सियासी पारा एक अन्य कारण से गर्माया हुआ है। मामला बाड़मेर केंद्रीय कारागृह में एक बंदी की संदिग्ध मौत से जुड़ा है।

जातिवाद में उलझा मामला, गरमाई सियासत

एक बंदी का मौत प्रकरण अचानक से जातिवाद की राजनीति में तब्दील हो गया है। दरअसल, संदिग्ध मौत प्रकरण सामने आने के बाद शिव विधायक व लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने मौके पर पहुंचकर जेल प्रबंधन के खिलाफ धरना दिया। मृतक बंदी के परिजनों के समर्थन में वे कुछ मांगों को लेकर रात भर धरना स्थल पर ही डटे रहे। आखिरकार जेलर को निलंबित करने और चिकित्सक को एपीओ करने की कार्रवाई हुई। इधर, इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बायतु विधायक हरीश चौधरी उतर आए हैं। उन्होंने सरकार के निर्देश पर जेल प्रबंधन की कार्रवाई का खुलकर विरोध जताया और इसे जातीय द्वेष भावना पूर्वक कार्रवाई बताया है।

हरीश चौधरी की जन आंदोलन की चेतावनी

बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘बाड़मेर जेल में हुई कैदी की मौत के मामले में हमने इस प्रकरण की न्यायिक जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। परंतु बाड़मेर जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा बिना किसी जांच पड़ताल के जातीय द्वेष भावना पूर्वक जेलर और चिकित्सक के खिलाफ जो कार्रवाई करना दुर्भाग्यपूर्ण व असहनीय है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘प्रशासन द्वारा पिछले कई समय से बिना जांच के लगातार जातीय दबाव में कार्मिकों के निलंबन की कार्रवाई की जा रही है। सरकार इस अन्यायपूर्ण फैसले को तुरंत रद्द करे, अन्यथा इस दमनकारी निर्णय के विरुद्ध हम जन आंदोलन करेंगे।


भाटी ने दी थी महापड़ाव की चेतावनी

शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जेलर और चिकित्सक पर कार्रवाई से पहले दिए धरने के दौरान महापड़ाव की चेतावनी भी दे डाली थी। उन्होंने कहा था, ‘भीषण गर्मी में आमजन कूलर-एसी से दूर नहीं जा पाते, वहीं जेल में बीमारी से तड़प रहे इंसान को इलाज तक उपलब्ध नहीं करवाया गया। एक भाई के सामने दूसरे भाई की जान चली गई। इसके एक घंटा बाद चिकित्सक मौके पर पहुंचते हैं और लीपापोती कर चले जाते हैं।’ भाटी ने जेलर को निलंबित करने और नामजद हत्या का मामला दर्ज नहीं करने तक धरना जारी रखने की बात कही। साथ ही दोषियों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं होने पर महापड़ाव की चेतावनी दी।


इधर रविंद्र सिंह भाटी का धरना समाप्त

केंद्रीय कारागार में बंदी की मौत मामले में बना गतिरोध गुरुवार देर रात वार्ताओं के दौर के बाद और मांगों पर सहमति बनने के बाद खत्म हो गया। वार्ता में जेलर को निलंबित करने और चिकित्सक को एपीओ करने का निर्णय हुआ। इसके बाद जेल के बाहर दो दिनों से चल रहा धरना खत्म हो गया। शिव विधायक रविंद्र सिंह ने धरने पर पहुंच कर वार्ता की जानकारी देने के साथ धरना समाप्त करने की बात कही। इस संदिग्ध मौत मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर करीब 36 घंटे से परिजन व शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी धरने पर ही डटे रहे। परिजनों ने जेल प्रशासन पर चिकन पॉक्स से पीड़ित बंदी का समय पर उपचार नहीं करने का आरोप लगाया था। इसके बाद मांगों को लेकर धरना शुरू कर दिया। दो दिनों में वार्ता के दौर हुए लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच गुरुवार शाम को आईजी रेंज व संभागीय आयुक्त बाड़मेर पहुंचे। इसके बाद वार्ता का दौर शुरू हुआ, जो नतीजे तक पहुंचा। वार्ता में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, सिवाना विधायक हमीरसिंह, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, स्वरूप सिंह खारा आदि शामिल हुए।

मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम

बंदी के शव का दूसरे दिन गुरुवार दोपहर बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। रात को समझौते के बाद परिजनों के शव उठाने पर सहमति बनी।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल मिला

इससे पहले दिन में गुरुवार को धरने पर सिवाना विधायक हमीरसिंह, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा, अधिवक्ता स्वरूप सिंह राठौड़, रूपसिंह राठौड़, किशोर सिंह कानोड़ आदि भी पहुंचे। इस दौरान भाजपा नेता मामले के संबंध में जिला कलक्टर निशांत जैन से भी मिले। खारा ने बताया कि मुख्यमंत्री से बातचीत कर मामले की जानकारी दी।
बंदी की मौत, बीमारी का खुलासा
बुधवार को एक बंदी की चिकन पॉक्स से जेल में मौत हो गई। परिजनों ने जेल प्रशासन पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जेल के बाहर धरना शुरू कर दिया। इसके बाद प्रशासन के निर्देश पर अस्पताल से चिकित्सकों की टीम को अन्य बंदियों की जांच के लिए भेजा गया। तब जांच में अन्य बंदियों में भी चिकन पॉक्स की बीमारी मिली।
…इधर, मिले चिकन पॉक्स के मरीज
बंदी जयसिंह की मौत चिकन पॉक्स से होने के बाद चिकित्सा महकमे ने बाड़मेर जेल में बीमारी फैलने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुधवार को भेजा था। टीम ने वहां पर बंदियों की जांच की। इस दौरान जांच में संभावित लक्षणों से ग्रसित 3 बंदियों को गुरुवार को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया।
जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसूरिया ने टीम ने प्रभावित बंदियों का उपचार शुरू कर दिया है। जिसमें से तीन को अस्पताल में गुरुवार को भर्ती किया। बंदियों के शुक्रवार को टेस्ट करवाए जाएंगे। वहीं 3-4 अन्य बंदियों में सामान्य लक्षण मिलने पर उनका जेल में ही उपचार शुरू कर दिया गया।