Aapka Rajasthan

Barmer वारंट तामील न करने पर पुलिस अधिकारी पर 1000 रुपए का लगा जुर्माना

 
Sirohi अफीम तस्करों को 10 साल की सजा और 2-2 लाख रुपए का जुर्माना

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 2 बाड़मेर ने चौदह वर्ष पुराने एक मामले की तामील नहीं कराने पर संबंधित थानाधिकारी व कांस्टेबल को दंडित किया है। प्रकरण के अनुसार लंबित सेशन प्रकरण 37/2011 सरकार बनाम चिमाराम आदि में साक्षी के नाम जारी वारंट की तामील कराने के लिए थानाधिकारी को गिड़ा थाने भेजा गया था। लेकिन सुनवाई की नियत तिथि पर उक्त वारंट की तामील नहीं कराने पर संबंधित पुलिस थाना गिड़ा, जिला बालोतरा के थानाधिकारी देवाराम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिस पर थानाधिकारी का जवाब असंतोषजनक मानते हुए इसे न्यायालय के आदेशों की अवहेलना मानते हुए थानाधिकारी व संबंधित तामील कराने वाले कांस्टेबल शंभूराम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

उपरोक्त कार्यवाही पर न्यायालय के पीठासीन अधिकारी पीयूष चौधरी आरएचजेएस ने अंतिम सुनवाई करते हुए सिद्ध पाया कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पुराने प्रकरणों के त्वरित निस्तारण में संबंधित थानाधिकारी को भेजे गए गवाह के वारंट की जानबूझकर तामील नहीं कराई गई तथा उसे नियत तिथि पर जानबूझकर न्यायालय में पेश नहीं किया गया। जिस पर न्यायाधीश ने पुलिस थाना गिड़ा के थानाधिकारी देवाराम व गवाह को तामील कराने वाले कांस्टेबल शंभूराम को एक-एक हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोनों को एक-एक माह का साधारण कारावास भोगना होगा।