Barmer वजीफा न मिलने पर इंटर्न डॉक्टरों ने किया काम का बहिष्कार
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर इंटर्न डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले इंटर्न डॉक्टर्स एक दिन की हड़ताल पर चले गए हैं. डॉक्टरों ने अस्पताल और जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. डॉक्टरों की मांग है कि हमें पिछले 5 महीने से किए गए काम का वेतन नहीं मिल रहा है. प्रशासन और सरकार को कई बार लिखित और मौखिक रूप से बताने के बावजूद स्टाइपेंड का भुगतान नहीं किया गया है. डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही हमारी मांग नहीं मानी गई तो हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ेगा.
दरअसल, राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के तहत बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में इंटर्न डॉक्टर्स सोमवार को एक दिन का कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए. पहले 96 इंटर्न डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को ज्ञापन दिया. इसके बाद वे जिला अस्पताल पहुंचे. वहां उन्होंने पीएमओ से मुलाकात की. फिर वे जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. वहां वे कलेक्ट्रेट पहुंचे. वहां उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने राजमेस है, शौक नहीं मजबूरी के नारे लगाए. पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया को ज्ञापन देते हुए उन्होंने कहा कि वजीफे को लेकर वे मेरे पास क्यों आएं, यह बात प्राचार्य के पास जानी चाहिए। आए हैं तो फोटो खिंचवाकर मीडिया को दें।
डॉक्टर नेहा शर्मा का कहना है कि उन्होंने बाड़मेर से साढ़े चार साल एमबीबीएस की है। हमें इंटर्नशिप शुरू किए पांच महीने हो चुके हैं। हम अस्पताल के अलग-अलग विभागों में 6 घंटे नाइट ड्यूटी करते हैं। लेकिन पिछले पांच महीने में हमें एक भी वजीफा नहीं मिला है।
जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर जैसे पुराने कॉलेजों का जो वजीफा हमें मिलता था, वह आ रहा है। हमने कॉलेज प्रशासन को लिखित और मौखिक रूप से इस बारे में अवगत करा दिया है। इसके चलते हम पांच महीने से बाहर रह रहे हैं। हमें रोजाना जीवन की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बिना हमारा गुजारा करना मुश्किल हो गया है। हमें अपने परिवार पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हमने इस संबंध में प्रशासन और सरकार को कई बार बताया है लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हुआ है। राजमेस के सभी कॉलेज हड़ताल पर हैं।