बाड़मेर में 10वीं और 12वीं स्टेट ओपन के एग्जाम में पकड़े गए डमी अभ्यर्थी, कैमरा में सामने आया बड़ा सच
राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! 10वीं और 12वीं स्टेट ओपन के एग्जाम में डमी अभ्यर्थी द्वारा एग्जाम देने का मामला सामने आया है। सरकारी स्कूल में एक साथ 20 परीक्षार्थी की जगह डमी अभ्यार्थी एग्जाम दे रहे थे। मामले में सेंटर सुपरिटेंडेंट की शिकायत पर पुलिस ने सभी को डिटेन कर लिया है।
बाड़मेर पुलिस 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और वहीं 3 नाबालिग को पुलिस संरक्षण में लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले में डमी अभ्यर्थियों द्वारा पंचायती राज के चुनाव लड़ने के एंगल से भी जांच की जा रही है। बाड़मेर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश आर्य के मुताबिक, मामला धाऊ थाना क्षेत्र के आलमसर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का है. इधर शुक्रवार को केंद्राधीक्षक को सूचना मिली कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले कुछ परीक्षार्थी डमी हो सकते हैं. इस पर उन्होंने जांच शुरू कर दी। इसके बाद कुछ परीक्षार्थी संदेह के घेरे में आ गये. इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस की मौजूदगी में जब जांच की गई तो एक-दो नहीं बल्कि 20 डमी अभ्यर्थी निकले।
जांच उपअधीक्षक चौहान को सौंपी गई है
आर्य ने बताया कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जब उसके दस्तावेजों की जांच की गई तो वे फर्जी पाए गए. इनमें से तीन नाबालिग हैं. केंद्राधीक्षक की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच उपाधीक्षक चौहान को सौंपी गई है. पुलिस उन असली अभ्यर्थियों की तलाश में जुट गई है जो इन डमी अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे रहे थे. बताया जा रहा है कि इसमें एक बड़े राजनीतिक रसूखदार परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल हैं.
पुलिस के मुताबिक जिन जन प्रतिनिधियों की जगह डमी अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे थे उनमें अमी मोहम्मद शाह की बस्ती की सरपंच शरीफा और आलमसर के सरपंच मिथन शाह शाह शामिल हैं. वहीं, धनाऊ उपप्रमुख की पत्नी बेगू और बमनौर सरपंच पवनी देवी की सास लूनी देवी और नंद दरिया शामिल हैं. इन मूल अभ्यर्थियों ने अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी खड़े कर दिए थे। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहां से उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस की अलग-अलग टीमें अन्य आरोपियों की तलाश कर रही हैं।