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स्कूल उद्घाटन में मेवाराम को बुलाया तो भड़के कांग्रेस सचिव, वीडियो में जाने बड़ी वजह

बाड़मेर में श्रीकरणी शिक्षण संस्थान की ओर से श्रीकरणी बाल निकेतन उच्च प्राथमिक स्कूल उद्घाटन के निमंत्रण पत्र में पूर्व विधायक मेवाराम जैन का नाम छापने से मामला गरमा गया। यह आयोजन 16 जून सुबह 9 बजे तय किया गया था..........
 
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! बाड़मेर में श्रीकरणी शिक्षण संस्थान की ओर से श्रीकरणी बाल निकेतन उच्च प्राथमिक स्कूल उद्घाटन के निमंत्रण पत्र में पूर्व विधायक मेवाराम जैन का नाम छापने से मामला गरमा गया। यह आयोजन 16 जून सुबह 9 बजे तय किया गया था। उद्घाटन कार्यक्रम के लिए छपे निमंत्रण पत्र में अतिथियों में मेवाराम का नाम देख प्रदेश कांग्रेस सचिव आजाद सिंह राठौड़ बौखला गए।

 

उन्होंने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर तुरंत एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि इस आमंत्रण में न तो मेरा नाम पढ़ा जाये, न ही मेरी इस कार्यक्रम को लेकर कोई स्वीकृति है, न ही यह आमंत्रण स्वीकार है।

राजनीतिक लाभ-हानि के लिए समझौता नहीं कर सकते

फेसबुक पोस्ट में उन्होंने अनाम पूर्व विधायक पर आरोप लगाते हुए लिखा, 'मैं किसी ऐसे व्यक्ति के साथ मंच साझा नहीं कर सकता जो बदमाश, चरित्रहीन, हीन व्यक्ति है।' शर्मनाक, अश्लील और बेशर्म लोग मुझे अपने दुर्व्यवहार समूह में शामिल करने का प्रयास न करें. आयोजक ने तुरंत इस निमंत्रण पत्र से मेरा नाम हटा दिया.

मैं राजनीतिक लाभ-हानि के लिए अपने विवेक, चरित्र और सामाजिक हित से समझौता नहीं कर सकता। मुझे बाड़मेर की वर्तमान ही नहीं आने वाली पीढ़ी को भी जवाब देना है। मैं उनके सामने बेशर्म नहीं बनना चाहता. हालांकि जब स्कूल प्रबंधक अविनाश जांगिड़ से बात की तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा- भुलवंश निमंत्रण पत्र में पूर्व विधायक मेवाराम जैन का नाम छपा था। फिलहाल हमने निजी कारणों से स्कूल का उद्घाटन स्थगित कर दिया है।' आने वाले दिनों में नई तारीख तय की जाएगी.

कांग्रेस सचिव ने कहा- लोगों की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है

इस पोस्ट के बारे में जब मैंने कांग्रेस सचिव आजाद सिंह राठौड़ से बात की तो उन्होंने कहा- उच्च गुणवत्ता वाला जीवन मेरा भी आदर्श है. हमें राजनीति में रहते हुए सिर्फ नीति नहीं बनानी चाहिए. लोगों की भावनाओं का भी सम्मान करना होगा. इसके साथ ही जनसेवा, लोगों में सुरक्षा की भावना, नैतिक चरित्र और मानवीय मूल्यों को भी कायम रखना है। चुनावी लाभ-हानि की परवाह किए बिना समाज के स्थापित आदर्शों पर आंच नहीं आने दूंगा।