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राजस्थान में यहाँ क्लोरीन गैस रिसाव से मवेशियों की मौत, इलाका सील

 
राजस्थान में यहाँ क्लोरीन गैस रिसाव से मवेशियों की मौत, इलाका सील

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर शहर के चौहटन सर्किल के पास कारेली नाडी के जलदाय विभाग के पंप हाउस पर रविवार शाम को अचानक क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हो गया। इससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों को सांस लेेने में परेशानी हुई। वहीं पम्प हाउस के पास तीन मवेशियों की गैस की चपेट में आने से मौत हो गई। गैस रिसाव बढ़ने की आशंका के चलते करीब एक किमी के इलाकों को सीज कर आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई। पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए।बाड़मेर शहर में क्लोरीन गैस रिसाव की सूचना पर जलदाय विभाग व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और नियंत्रण के उपाय करने में जुटे, लेकिन संसाधनों के अभाव में टीम रिसाव पर कंट्रोल करने में सफल नहीं हो पाई। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन गैस का रिसाव नहीं रोक पाई। बाद में प्रशासन ने जेएसडब्ल्यू, केयर्न व रिफाइनरी से एक्सपर्ट की टीम को बुलाया। टीमों ने करीब डेढ़ घंटे के बाद रात करीब साढ़े नौ बजे गैस रिसाव पर नियंत्रण कर लिया।

एक किमी क्षेत्र को किया सीज

गैस रिसाव की सूचना के बाद जिला कलक्टर निशांत जैन, एसपी नरेंद्रसिंह मीना, एडीएम राजेंद्रसिंह, जलदाय विभाग के एसइ विपिन जैन, एएसपी जसाराम बोस, बाड़मेर वृत्त डिप्टी रमेश शर्मा समेत सभी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। चौहटन सर्किल के कारेली नाडी क्षेत्र के एक किमी दायरे को पूरी तरह से सीज कर लिया गया। यहां मार्ग पर आवागमन भी रोका गया। काफी देर तक पुलिस अधिकारी एतिहायत के तौर पर सख्ती बरतते नजर आए।

लीकेज सिलेंडर को हटाया

शहर के कारेली नाडी के पास जलदाय विभाग के पंप हाउस पर क्लोरीन गैस के सिलेंडर रखे हुए थे। रविवार शाम करीब 5 बजे एक सिलेंडर लीक हो गया। जलदाय विभाग की एक्सपर्ट टीम ने कंट्रोल के प्रयास किए, लेकिन रोक नहीं पाए। कंपनियों से आए एक्सपर्ट की टीम ने रात करीब साढ़े नौ बजे तक 95 फीसदी रिसाव पर नियंत्रण कर लिया। काफी वजनी क्लोरीन सिलेंडर को हाइड्रो से उठाकर कैंपर में डालकर जलदाय विभाग के जसदेर धाम के पास बने प्लांट पर ले गए।

पुराना होने के कारण वाल्व में लीकेज

पंप हाउस में 920 किलोग्राम क्षमता का क्लोरीन गैस सिलेंडर था, जो लीक हुआ। इसका उपयोग पानी के बैक्टीरिया खत्म करने के लिए होता है। एक दिन में 45 से 50 किलोग्राम गैस उपयोग होती है। इस सिलेंडर का वॉल्व लीक हो गया। बताया जा रहा है कि सिलेंडर पुराना होने पर वॉल्व लीक हो गया। हर फिल्टर प्लांट पर क्लोरीन गैस के सिलेंडर होते हैं।