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PM आवास योजना को लेकर राजस्थान के इस जिले से आई है बड़ी खबर, जानें क्या है खास

 
PM आवास योजना को लेकर राजस्थान के इस जिले से आई है बड़ी खबर, जानें क्या है खास 

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क,  प्रशासन के निरंतर समझाइश करने के असर पर जिले में कई वर्ष से सैकड़ों अधूरे पड़े प्रधानमंत्री आवास अब बनकर पूरे हुए हैं। इस पर सिर ढकने के लिए मिली पक्की छत पर लाभार्थी जहां राहत महसूस कर रहे हैं। वहीं इससे योजना कार्य पूरा होने पर अधिकारी और कर्मचारी अब सुकून में हैं। बालोतरा जिले में 531 अपूर्ण मकान, पूर्ण बनकर तैयार हुए हैं। सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए लोग बढ़ चढ़कर आवेदन करते हैं, लेकिन आवेदन स्वीकृत होने के बावजूद बहुत कम लोग ही योजना कार्य को पूरा करते हैं। कागजी खानापूर्ति कर योजना लाभ लेने तक ही सीमित रहते हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना में भी कुछ ऐसा ही हश्र हो रखा था। सरकार ने लोगों के आवेदन करने पर बड़ी संख्या में आवास स्वीकृत किए, लेकिन बहुत से जनों ने आवास का पूर्ण निर्माण नहीं करवाया। योजना में प्राप्त किश्तों की राशि घर, विवाह व अन्य कार्य में खर्च कर पूरी की। पैसे नहीं होने पर अधूरा पड़े आवास का कार्य पूरा नहीं किया। ग्राम पंचायत के बार बार नोटिस देने पर भी इन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इस पर वर्ष 2016 व इसके बाद के वर्षों में स्वीकृत अधूरे आवास अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए थे।

समझाइश, मान मनुहार से पूर्ण हुए सैकड़ों अधूरे आवास

वर्ष 2016 और इसके बाद के वर्षों में स्वीकृत अधूरे आवासों को पूर्ण करवाने को लेकर सरकार के सख्त रवैये पर पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों, ग्राम सेवकों ने लाभार्थियों से बार बार संर्पक किया। इनसे समझाइश, मान मनुहार की। इस पर लाभार्थियों ने पैसों का प्रबंध कर अधूरे आवास पूर्ण किए। इस पर तहसील बायतु में 106, बालोतरा में 18, गिड़ा में 120, कल्याणपुर में 48, पाटौदी में 40 , पायलाकला में 68, समदड़ी में 31, सिणधरी में 76, सिवाना में 31 अधूरे आवास पूरे हुए। इस पर रहने के लिए मिले आवास पर अब इन्हें अच्छी सुविधा मिल रही है। बड़ी संख्या में अधूरे आवास पूर्ण होने पर अधिकारी कर्मचारी भी बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। जिले बालोतरा में वर्ष 2016 से स्वीकृत सैकड़ों आवास अधूरे होने, लाभार्थियों केे इसे नहीं बनाने पर बार बार उनके घर तक पहुंच समझाइश की। पैसों का प्रबंध कर अधूरे मकान को पूरा बनाने को लेकर मनुहार की। इसके असर से सैकड़ों अधूरे मकानों का पूरा निर्माण किया। इससे उन्हें भी अच्छी सुविधा मिल रही है। सरकार का लक्ष्य पूरा होने पर कर्मचारी भी राहत महसूस कर रहे हैं।