Barmer सब्जी विक्रेता की बेटी बनी दो देशों के बीच अनुवादक
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर के सब्जी विक्रेता की बेटी ने सोमवार को सीएम भजनलाल शर्मा के लिए अनुवादक का काम किया। सीएम को दक्षिण कोरियाई सरकार और अधिकारियों से बात करने में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए धोरीमन्ना निवासी कुमारी पेम्पो ने सेतु की भूमिका निभाई। उन्होंने सीएम और उनके साथ आए अधिकारियों को कोरियाई भाषा का हर शब्द हिंदी में समझाया। दरअसल, पेम्पो दक्षिण कोरिया और भारत के बीच व्यापार को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाषा परिवर्तन (अनुवादक) का काम कर रही हैं। उनके पिता धोरीमन्ना में सब्जी बेचते हैं। चार साल पहले कुमारी पेम्पो ग्लोबल कोरिया स्कॉलरशिप में 5वें नंबर पर चुनी गई थीं, जिसमें देशभर से सिर्फ 20 विद्यार्थियों का चयन हुआ था
। इसके बाद पेम्पो ने दक्षिण कोरिया के इवा महिला विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। दक्षिण कोरियाई सरकार ने उनकी पढ़ाई से लेकर रहने-खाने का सारा खर्च उठाया। इसके लिए 14 हजार डॉलर प्रति वर्ष दिए जाते थे। हालांकि, उस समय पेम्पो तमिलनाडु के चेन्नई में एक कोरियाई कंपनी में काम कर रही थीं। हालांकि, इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर कोरिया जाने का फैसला किया। पिता भीखाराम ने बताया- पेम्पो ने 12वीं तक गांव के स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उसका झारखंड यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो गया। लेकिन यहां उसे तीसरी भाषा के तौर पर साउथ कोरियन लेना पड़ा। पेम्पो हिंदी मीडियम में पढ़ा था और घर में सभी लोग मारवाड़ी बोलते थे। ऐसे में कोरियन भाषा उसके लिए चुनौती थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी और पहले साल में ही कोरियन भाषा सीखकर ग्रेजुएशन पूरा कर लिया।