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Barmer पांच महीने के इंतजार के बाद इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर गए

 
Barmer पांच महीने के इंतजार के बाद इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर गए

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, वहीं गैस्ट्रो एन्टरोलॉजी विभाग भी बंद रहा। कॉलेज में विद्यार्थियों की कक्षाएं व प्रैक्टिकल भी नहीं हुए। वार्डों में भर्ती मरीजों की वरिष्ठ चिकित्सकों ने जांच भी नहीं की और मरीज ओपीडी में चिकित्सकों का इंतजार करते नजर आए। ऐसे में यदि हड़ताल लंबी चली तो अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह प्रभावित हो जाएंगी। दूर-दराज से आने वाले मरीजों को बिना जांच के ही लौटना पड़ा। मरीज अस्पताल समय के बाद चिकित्सकों के घर भी पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने सर्वसम्मति से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया और उनकी जांच नहीं की।

आरएमसीटीए सचिव डॉ. अनिल सेठिया ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों के संगठन मेडिकल कॉलेज शिक्षक संघ (आरएमसीटीए) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार द्वारा बजट में राज्य के राजमेस कॉलेज में अगस्त 2024 के बाद नवनियुक्त चिकित्सकों को राजस्थान सेवा नियम (आरएसआर) में शामिल किया गया है, लेकिन पहले से कार्यरत चिकित्सकों को इस नियम से बाहर रखा गया है। उन्होंने मांग की है कि बजट घोषणा में पहले से कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को भी इसी नियम में शामिल किया जाए। आरएमसीटीए अध्यक्ष डॉ. महावीर चोयल, उपाध्यक्ष डॉ. मोतीलाल खत्री, कोषाध्यक्ष डॉ. सवाई सिंह राठौड़, डॉ. बलराम चौधरी, डॉ. दिनेश गढ़वीर, डॉ. सवाई खत्री, रमेश सहारण सहित डॉक्टर कॉलेज व अस्पताल में हड़ताल पर हैं।

मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस करने के बाद इंटर्नशिप करने वाले 74 डॉक्टरों को पांच माह बाद भी स्टाइपेंड नहीं मिला है। राजमेस मेडिकल कॉलेज को छोड़कर सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के इंटर्न डॉक्टरों को स्टाइपेंड मिला है। ऐसे में इंटर्न डॉक्टरों ने सोमवार को अस्पताल में रैली निकालकर विरोध जताया। इसके बाद चिकित्सा मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही स्टाइपेंड नहीं दिया गया तो उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ेगा। डॉक्टरों का कहना है कि बिना वेतन के उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब डॉक्टर बनने के बाद भी उन्हें परिजनों से पैसे मांगकर काम चलाना पड़ रहा है।