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Barmer पश्चिमी संस्कृति के हानिकारक प्रभावों से समाज और परिवार को बचाएं

 
Barmer पश्चिमी संस्कृति के हानिकारक प्रभावों से समाज और परिवार को बचाएं

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, जसदेर धाम बाड़मेर में रविवार को कुटुंब प्रबोधन गतिविधि बाड़मेर खंड की ओर से आयोजित की गई। प्रथम सत्र में कुटुंब प्रबोधन मित्रों ने अपना एवं अपने परिवार का विस्तृत परिचय करवाया। विभाग कुटुंब प्रबोधन संयोजक अशोक कुमार दवे बाड़मेर ने परिवार कुटुंब कबीले एवं संयुक्त परिवार के बारे में बातचीत की। उन्होंने बताया कि कुटुम्ब कबीले में समर्पण, साहस, प्रेम त्याग, देखभाल की भावना उत्पन्न होती है। परिवार के केंद्र में मुखिया केंद्र बिंदु होता है। सौहार्दपूर्ण वातावरण से संस्कार में बढ़ोतरी करना मुखिया से बातचीत संवाद करना, उनकी बातों ध्यानपूर्वक सुनना इत्यादि।

भारतीय संस्कृति में भौतिकवाद की अपेक्षा आध्यात्म पर बल देना चाहिए। अनावश्यक खर्च एवं फैशन से अपने परिवार को बचाना चाहिए।आधुनिक होना ठीक लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव से अपने समाज एवं कुटुम्ब को बचाए रखना आवश्यक है। भगवान शिव एवं श्रीराम से संबंधित प्रेरक प्रसंग से परिवार को प्रेरणा लेकर कुटुम्ब को संयुक्त, एकत्र व संगठित रखना चाहिए। बाड़मेर ग्रामीण खंड में तीन स्थानों पर कुटुम्ब मिलन प्रारम्भ करने का संकल्प किया गया।

द्वितीय सत्र में बाड़मेर जिला कुटुम्ब प्रबोधन संयोजक रामसिंह पंवार ने कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के अंतर्गत महीने में 2-3 बार परिवारजनों के साथ बैठकर क्या अच्छा सुना, देखा एवं सीखा विषय पर औपचारिक एवं अनौपचारिक चर्चा करना, महीने में दो-चार कुटुम्ब मित्र परिवार को अपने घर पर जलपान के निमित्त बुलाकर अथवा उनके घर-परिवार में जाकर गपशप करना, मोबाइल टीवी का विवेकपूर्ण उपयोग करना आदि पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन रामलाल घाट ने किया। कार्यक्रम में धर्मवीर रोज, दीपाराम, वीरमाराम, केसराराम, स्वरूपसिंह मारूड़ी, जोगाराम उपस्थित हुए।