Barmer 5 साल में केवल 22% पाकिस्तानी शरणार्थियों को ही नागरिकता मिली
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर समेत पश्चिमी राजस्थान में रह रहे पाक शरणार्थी भारतीय नागरिकता की मांग कर रहे हैं। आवेदन करने के बावजूद उन्हें नागरिकता नहीं मिल रही है। गुरुवार को विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सरकार से पूछा कि बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा में पिछले पांच साल में पाक शरणार्थियों के कितने आवेदनों का निस्तारण किया गया और कितने लंबित हैं। इसके जवाब में कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा- इन जिलों से 5 साल में 373 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 84 का निस्तारण कर दिया गया और 289 आवेदन लंबित हैं।
इस दौरान भाटी ने कहा- आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ 22 फीसदी को ही नागरिकता मिली है। इसमें बाड़मेर से 72 आवेदनों में से सिर्फ 28, जैसलमेर से 294 आवेदनों में से 56 और बालोतरा से प्राप्त 7 आवेदनों में से एक का भी निस्तारण नहीं हुआ है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि पाक शरणार्थियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने सवाल उठाया कि सरकार इन लंबित आवेदनों का निपटारा कब तक करेगी और नागरिकता कब प्रदान करेगी।
जवाब में मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार निकट भविष्य में जिला स्तर पर विशेष नागरिकता शिविर आयोजित कर पात्र आवेदकों को नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान करेगी। भाटी ने यह भी कहा कि नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी न होने के कारण पाक विस्थापित लोग समय पर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं। इससे नागरिकता आवेदन पत्रों के निस्तारण में देरी होती है। उन्होंने विशेष हेल्प डेस्क, सलाह केन्द्र और नोडल अधिकारी नियुक्त करने का सुझाव दिया, ताकि आवेदन पत्रों का शीघ्र निस्तारण हो सके।