बाड़मेर: तेजी से अमीर बनने की चाह में छात्र शेयर मार्केट और ऑनलाइन सट्टे में फंसा, पत्नी, बहन- भाभी की ज्वेलरी चुराई, 15 लाख का कर्जा हुआ
बाड़मेर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे एक छात्र के जीवन में अचानक बड़ा मोड़ आ गया, जब उसने बिना समझदारी और मार्गदर्शन के शेयर मार्केट और ऑनलाइन सट्टा गेम की दुनिया में कदम रख दिया। तेज़ी से पैसे कमाने के लालच ने उसे उस रास्ते पर धकेल दिया, जहाँ न सिर्फ उसकी पढ़ाई प्रभावित हुई, बल्कि मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ा। घटना ने अभिभावकों और युवाओं के बीच चिंता बढ़ा दी है कि डिजिटल युग में गलत मार्ग कितना तेजी से किसी को बर्बादी की ओर धकेल सकता है।
गुरुकुल से डिजिटल जुए तक का सफर
जानकारी के मुताबिक, छात्र बाड़मेर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। परिवार को उससे काफी उम्मीदें थीं। वह पढ़ाई में भी अच्छा था, लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया पर दिखने वाली झूठी चमक-दमक ने उसका ध्यान भटका दिया। शुरू में उसने कुछ पैसे शेयर मार्केट में लगाए। शुरुआती छोटी-छोटी कमाई ने उसे और अधिक पैसे लगाने के लिए प्रेरित कर दिया।
इसके बाद उसने ऑनलाइन सट्टा गेम्स के संपर्क में आकर कर्ज लेकर भी पैसे निवेश करने शुरू कर दिए। तेज लाभ की चाह उसे उस दलदल में ले गई, जहाँ सही-गलत का फर्क खत्म होने लगता है।
आर्थिक नुकसान, तनाव और पढ़ाई का नुकसान
धीरे-धीरे उसे बड़ा नुकसान हुआ और पैसा डूबता चला गया। आर्थिक नुकसान बढ़ने के साथ-साथ छात्र मानसिक तनाव में आने लगा।
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पढ़ाई पर ध्यान हट गया
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क्लासेज़ छोड़ने लगा
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दोस्तों और परिवार से दूरी बढ़ने लगी
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फोन और इंटरनेट की लत बेकाबू हो गई
परिवार को तब शक हुआ, जब वह लगातार पैसे की मांग करने लगा और कई बार पैसे चोरी-छिपे जुटाने की कोशिश भी की। पूछताछ में सारा मामला सामने आ गया।
शेयर मार्केट विशेषज्ञों ने चेताया—ज्ञान के बिना निवेश खतरनाक
विशेषज्ञों के अनुसार शेयर बाजार समझदारी, तकनीकी ज्ञान और सही सलाह के बिना जुआ साबित हो सकता है। वहीं ऑनलाइन सट्टा पूरी तरह अवैध और जोखिम भरा होता है, जिसमें लोग जल्द अमीर बनने के चक्कर में सब कुछ गंवा देते हैं।
तकनीक के दुष्प्रभाव और युवा पीढ़ी पर संकट
मनोवैज्ञानिकों का भी कहना है कि डिजिटल जुए की लत बेहद खतरनाक है—
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यह अवसाद और तनाव को बढ़ाती है
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युवाओं को भविष्य के लक्ष्य से भटकाती है
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रिश्तों और भरोसे को तोड़ती है
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अपराध की ओर भी धकेल सकती है
अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सबक
इस घटना ने संकेत दिया है कि युवाओं पर नजर रखना और समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करना कितना आवश्यक है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों पर पहले से ही दबाव होता है, यदि उन पर गलत प्रभाव पड़ जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
