Barmer इंजीनियरिंग कॉलेजों में 80% कर्मचारी अयोग्य, घर बैठे उठाते हैं वेतन
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान विधानसभा में विशेष प्रस्ताव पर बोलते हुए बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी ने पूर्व विधायक मेवाराम जैन व उनके पूर्व पीए ओमप्रकाश शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यरत अधिकांश कर्मचारी तत्कालीन विधायक के निजी सहायक (पीए), प्राचार्य व प्रशासनिक पदों पर रहे अधिकारी और विधायक के पूर्व पीए के रिश्तेदार हैं। कॉलेज में कार्यरत 80 प्रतिशत कार्मिक अपात्र प्रतीत होते हैं, जो कॉलेज नहीं आते और घर बैठे वेतन लेते हैं। विधायक ने आईएएस की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रियंका चौधरी ने सदन में कहा कि सरहदी व रेगिस्तानी बाड़मेर के एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज को 2018 में बीकानेर एमडीएम व 2021 में जोधपुर एमडीएम का संगठन कॉलेज बना दिया गया। कॉलेज में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा स्वीकृत पदों पर शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को अस्थाई रूप से नियुक्त कर दिया गया। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इस क्षेत्र के होनहार युवा और प्रतिभाएं कठिन भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों और मुख्य रूप से शिक्षकों की कमी के कारण कठिन परिस्थितियों से गुजर कर शिक्षा प्राप्त करते हैं।
इंजीनियरिंग कॉलेज में 80% अयोग्य स्टाफ, घर से वेतन ले रहे
इंजीनियरिंग कॉलेज बाड़मेर की स्थिति यह है कि बाड़मेर प्रशासक से लेकर प्रशिक्षक और अन्य तकनीकी और गैर तकनीकी स्टाफ तक 80% अयोग्य स्टाफ की भर्ती की गई है। इनमें से 80% कॉलेज नहीं आते और घर से वेतन लेते हैं।
प्रिंसिपल जैसे जिम्मेदार पदों पर कोई स्थायी नियुक्ति नहीं है, प्रोफेसरों की कमी के कारण कक्षाएं नहीं लगती हैं, किसी भी विषय की प्रैक्टिकल लैब नहीं हैं। प्रैक्टिकल उपकरणों का उपयोग नहीं होने के कारण वे धूल खाकर कबाड़ बन गए हैं।