बाड़मेर: कलेक्ट्रेट परिसर 2 घंटे बना ‘सरकारी स्कूल’, 50 बच्चों ने की प्रार्थना, व्यायाम और पढ़ाई; देखने वालों का लगा तांता
जिले में गुरुवार का दिन कुछ अलग ही नज़ारा लेकर आया, जब बाड़मेर कलेक्ट्रेट परिसर अचानक दो घंटे के लिए ‘सरकारी स्कूल’ में बदल गया। यहां सरकारी स्कूल के लगभग 50 बच्चों ने प्रार्थना सभा की, व्यायाम किया और कक्षाएँ भी लगीं। कलेक्ट्रेट के गलियारों में गूंजती प्रार्थना और बच्चों की तालबद्ध व्यायाम ध्वनियों ने सभी को चौंका दिया।
जानकारी के अनुसार, स्कूल के शिक्षक बच्चों को शैक्षणिक जागरूकता गतिविधि के तहत कलेक्ट्रेट लेकर पहुंचे थे। बच्चों ने पहले सामूहिक प्रार्थना की, जिसके बाद मैदान में व्यायाम करवाया गया। कलेक्ट्रेट में कामकाज के लिए आए अधिकारी-कर्मचारी और आमजन यह दृश्य देखकर आश्चर्य में पड़ गए।
इसके बाद एक सीनियर छात्रा ने सभी बच्चों को ABCD और 1 से 100 तक की गिनती का दोहरान कराया। बच्चे उत्साह के साथ पाठ दोहराते रहे और परिसर कुछ समय के लिए पूरी तरह स्कूल जैसा माहौल बन गया। अधिकारियों के मुताबिक, यह गतिविधि बच्चों को बाहरी वातावरण में सीखने का अनुभव देने और आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से की गई।
करीब दो घंटे तक कलेक्ट्रेट परिसर में कक्षाएँ चलीं, और इस दौरान वहां से गुजरने वाला हर व्यक्ति रुककर बच्चों को देखता रहा। कई अधिकारियों ने भी बच्चों से बातचीत कर उनका उत्साह बढ़ाया। कुछ ने इस पहल को जिले में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का सकारात्मक प्रयास बताया।
अचानक हुए इस स्कूल सत्र ने कलेक्ट्रेट की दिनचर्या को कुछ देर के लिए बदल दिया। लेकिन बच्चों की मासूमियत और पढ़ने-सीखने की लगन देखकर सभी के चेहरे खिल उठे। कई कर्मचारियों ने कहा कि यह दृश्य देखकर उन्हें अपने बचपन के स्कूल के दिन याद आ गए।
स्थानीय प्रशासन ने भी इस पहल की सराहना की है और कहा है कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ सरकारी शिक्षा व्यवस्था के प्रति समाज के नज़रिए को भी सकारात्मक बनाते हैं।
