Barmer समदड़ी में ठेलों पर प्लास्टिक बैगों के उपयोग पर प्रतिबंध
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध होने के बावजूद इनका उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इसके बाद ग्राम पंचायत कचरा लूणी नदी में डाल रही है। इससे लूणी नदी में कचरे के बड़े-बड़े ढेर जमा हो गए हैं। इससे पशु प्लास्टिक का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। समदड़ी क्षेत्र में फल-सब्जी के ठेले, किराना दुकान व छोटे दुकानदारों द्वारा प्रतिबंधित कैरी बैग का उपयोग जारी है। न तो विभाग के अधिकारी चोरी-छिपे प्लास्टिक कैरी बैग बनाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई कर रहे हैं और न ही थोक में कैरी बैग बेचने वालों पर।
प्लास्टिक कैरी बैग बेचने वाले दुकान-दुकान घूमकर दुकानदारों को कम दामों पर बेच रहे हैं। प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग बंद नहीं होने से राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानून की धज्जियां उड़ रही हैं। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग की बिक्री, खरीद व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माना व पांच साल की सजा का भी प्रावधान था। लेकिन सरकार के आदेश का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। बेसहारा पशु कचरे के ढेरों के आसपास घूम रहे हैं। राज्य सरकार ने जब प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध लगाया तो प्रशासन के अधिकारियों ने प्लास्टिक कैरी बैग बनाने वालों व बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की और बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कैरी बैग जब्त किए गए।
धीरे-धीरे कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई। प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग बंद नहीं हो रहा है। इससे पर्यावरण के साथ-साथ आमजन को भी खतरा बना हुआ है। क्षेत्र के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन समदड़ी, राइका गोली, लूणी नदी व बाइपास रोड के कई चौराहों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। दुकानदार खुलेआम प्रतिबंधित कैरी बैग में ग्राहकों को सामान दे रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इतना ही नहीं ग्राहक भी कानून से अनभिज्ञ हैं। प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध के बाद स्कूल, कॉलेज व सरकारी विभागों की ओर से कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। आमजन को प्लास्टिक कैरी बैग से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया गया।