Barmer आचार्य ने संयमित जीवन में अनुशासन और शासन के लिए महत्वपूर्ण सलाह दी
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, शुक्रवार को श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के तत्वावधान में आचार्य जिन मणिप्रभसागर की तपस्या के 52वें वर्ष के उपलक्ष्य में नांदी गौशाला में जीव दया का कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा दोपहर में आराधना भवन में सामूहिक सामायिक का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के अध्यक्ष अशोक धारीवाल ने बताया कि आचार्य जिन मणिप्रभसागर, माता रत्नमाला एवं डॉ. विद्युत प्रभा की तपस्या के 51वें वर्ष पूर्ण होने तथा 52वें वर्ष में प्रवेश करने तथा साध्वी शशिप्रभा के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के तत्वावधान में केयूपी एवं केएमपी की उपस्थिति में नांदी गौशाला में गायों एवं बैलों को हरा चारा, पशु आहार एवं गुड़ खिलाकर जीव दया का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवक परिषद केयूपी शाखा बाड़मेर एवं अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद केएमपी शाखा बाड़मेर द्वारा सामूहिक सामायिक का कार्यक्रम साध्वी तत्वज्ञा लता के सानिध्य में दोपहर 2 बजे आयोजित किया गया। इस दौरान साध्वी तत्वज्ञा लता ने कहा कि आचार्य ने अल्पायु में ही दीक्षा ले ली थी। वर्तमान में 180 दिन में 2000 किलोमीटर की पदयात्रा कर जिनशासन का महान संदेश प्रसारित कर संयम के 52वें वर्ष में प्रवेश किया है। उन्होंने अपने संयम जीवन में गच्छ एवं शासन का महान संदेश प्रसारित किया। साध्वी पर्वप्रभा ने आचार्य की जीवनी पर चर्चा की। डॉ. रणजीतमल जैन, केयूपी सचिव केवलचंद छाजेड़, केएमपी अध्यक्ष सरिता जैन, शकुंतलादेवी, गुड्डी देवी, अनिता बोथरा, शिवानी बोथरा, सोनू वडेरा, मुमुक्षु सरोज गांधी मौजूद थे। संचालन केएमपी सचिव उर्मिला जैन ने किया।