Barmer 10 महीने बाद दादा को मिला बिना मां-बाप का मासूम बच्चा, परिवार में छायी ख़ुशी
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर 15 साल का मंदुबुद्धि का मासूम घर से बिना बताए निकल गया। मासूम के दादा-दादी ने खूब ढूंढा लेकिन 10 माह बाद सदर पुलिस के प्रयासों से मासूम को ढूंढ लिया। पोते को देखकर दादा की आंख भर आई और उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। मामला बाड़मेर जिले के सदर थाना हल्के धन्ने का तला गांव का है। पुलिस ने मासूम को दादा को सुपुर्द कर दिया है। हेड कांस्टेबल दुर्गाराम का कहना है कि ऑपरेशन मिलाप के तहत बच्चे का फोटो ऑनलाइन किया। इसके आधार पर पुलिस को जानकारी मिली कि मासूम जालोर की आहोर संस्था में है।
दरअसल, सदर थाना इलाके के धन्ने का तला निवासी मालाराम (15) बचपन से मंद्बुद्धि का है। कुछ साल से पहले माता-पिता की डेथ हो गई। तब से दादा के साथ ही रहता है। दिसंबर 2022 में घर से मालाराम बिना बताए निकल गया। उस समय दादा बालोतरा गए हुए थे। जब घर पर नहीं लौटा तो इधर-उधर खूब ढूंढा। इधर-उधर पूछताछ भी की। लोगों ने जैसलमेर, शिव सहित कई जगह का बताया। वहां पर ढूंढा लेकिन नहीं मिला। मालाराम की दादी के रो-रोकर बुरे हाल हो रहे थे। सदर थाने मे गुमशुदगी रिपोर्ट दी। पुलिस ने ढूंढने का प्रयास किया। इधर पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप के तहत अभियान तहत अलग-अलग संस्थानों में रहने वाले बच्चों के फोटो को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। उसके आधार पर सदर पुलिस थाना पुलिस ने ऑनलाइन फोटो खंगाल कर मालाराम को ढूंढ निकाला।
सदर थाने के हेड कांस्टेबल दुर्गाराम जालोर जिले के आहोर में जागृति संस्थान पहुंचे। वहां पर मासूम मालाराम से मिले और दादा से वीडियो कॉल से बता करवाई और दादा ने कहा कि मेरा पोता यही है। तब पुलिस संस्थान से मालाराम को बाड़मेर लेकर आई। सोमवार को दादा को थाने बुलाया गया। वहां पर दादा खींयाराम पोते से मिलते ही आंखे भर आई और फूट-फूट कर रोने लगा। फिर पोते मालनाराम कहा मैं आ गया हूं। हेड कांस्टेबल दुर्गाराम का कहना है कि बच्चे को मिलाने में पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन मिलाप अभियान की अहम् भूमिका रही है। इसी के तहत संस्थानों में रहे बच्चों के फोटो व जानकारी ऑनलाइन की जाती है। इससे गुम हुए बच्चों को परिजनों को मिलाने में बहुत मदद मिली है।