Rajasthan Breaking News: बाड़मेर में नसबंदी के बाद विवाहिता की मौत पर हंगामा, 40 घंटे बाद भी परिजनों ने शव लेने से किया इंकार
बाड़मेर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि पिछले 40 घंटे के बाद भी बाड़मेर में नसबंदी के बाद हुई विवाहिता की मौत पर परिजनों ने शव लेने से इंकार किया है और एनएनएम और लापरवाह चिकित्साक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मृतक के आश्रितों को 10 लाख का मुआवजा देने की भी मांग की गई है। राजस्थान के बाड़मेर में नसबंदी शिविर में नसबंदी के लिए गई 24 साल की महिला की मौत हो गई। इसके बाद मृतक महिला के परिजनों और अन्य लोग शव गृह में ही धरने पर बैठ गए और मुआवजे की मांग करने लगे है।
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आपको बता दें कि बाड़मेर जिले के चौहटन कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे नसबंदी शिविर में ऑपरेशन करवाने गई विवाहिता की मौत हो गई। 24 साल की मृतक महिला गीता देवी राणासर की रहने वाली थी और कुछ दिन पहले ही अपने मायके आई थी। महिला के 3 बेटे है जिसमें सबसे बड़ा बेटा रोहित ढाई साल, उससे छोटा कैलाश 1 साल का और सबसे छोटे कार्तिक की उम्र महज 2 माह है. विवाहिता अपने मायके से मां और एएनएम तारा कश्यप के साथ चौहटन अस्पताल में नसबंदी के लिए गई थी। अस्पताल में नसबंदी के ऑपरेशन के बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. आनन-फानन में चिकित्सकों ने विवाहिता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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नसबंदी के बाद विवाहित की मौत हो जाने पर परिजनों ने शव लेने से इंकार कर मुर्दाघर के बाहर धरने पर बैठ गए। आपको बता दें कि पिछले 40 घंटे से भी ज्यादा समय समय से परिजन धने पर बैठे हुए है और उनकी मांग है कि अस्पताल की एएनएम और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पीडित परिवार को 10 लाख का मुआवजा दिया जाए। फिलहाल प्रशासन कोशिश कर रहा है कि मृतका परिजन शव को लेले और मुआवजे पर सहमति बन सकें।