Barmer शनिदेव का 30 साल बाद कुंभ में प्रवेश
बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर न्याय के देवता शनि 29 अप्रैल को मकर राशि छोड़कर अपने मूल त्रिकोण कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि में उनकी एंट्री 30 साल बाद होगी। शनि इस समय मकर राशि में विराजमान है। एक राशि में शनि लगभग ढाई वर्ष का होता है। 12 जुलाई तक शनि कुम्भ राशि में रहेगा, यानी लगभग 72 दिनों के इस प्रवेश काल का शुभ प्रभाव सार्वजनिक और सांसारिक दृष्टि से देखने को मिलेगा। 12 जुलाई के बाद शनि फिर वक्री होकर मकर राशि में प्रकट होंगे। यह दृश्य अवधि 23 अक्टूबर तक विशेष रूप से दिखाई देगी। 12 जुलाई के बाद वक्री शनि फिर से मकर राशि में प्रवेश कर सकता है और विभिन्न रोगों का कारण बन सकता है। संभवतः यह संक्रमण को बहाल कर सकता है। इस दृष्टिकोण के साथ, जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना होगा।
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न्याय के देवता 5 जून को सुबह 3:15 बजे सूर्योदय से पहले वक्री होंगे। 12 जुलाई को शनि वक्री होकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। 23 अक्टूबर 2022 को सुबह 9:40 बजे शनि देव मार्गी होगी। 19 जनवरी 2030 को शाम 6:04 बजे कुंभ राशि में फिर से प्रवेश करेंगे। शनि का प्रभाव पूरी पृथ्वी पर पड़ेगा। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही धनु राशि पर चल रही अर्धशतक समाप्त हो जाएगी। सती की शुरुआत मीन राशि से होगी और यह 8 अगस्त 2029 तक चलेगी। मिथुन और तुला राशि पर ढैय्या समाप्त होगी। जबकि ढैया की शुरुआत कर्क और वृश्चिक राशि से होगी। सती का तीसरा चरण (पैर) मकर राशि पर होगा। कुंभ राशि वालों के लिए दूसरा चरण (दिल पर) और मीन राशि के लोगों के लिए पहला चरण (सिर पर)।
