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ट्रंप के टैरिफ कार्ड से बांसवाड़ा की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की हुई बल्ले-बल्ले, देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ़्तार

 
ट्रंप के टैरिफ कार्ड से बांसवाड़ा की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की हुई बल्ले-बल्ले, देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ़्तार 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ से राजस्थान बड़ी स्थिति में है। अब बांसवाड़ा का कपड़ा उद्योग अमेरिकी बाजार में धूम मचाएगा। अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए नए आयात शुल्क (टैरिफ) से बांसवाड़ा के कपड़ा उद्योग को फायदा हो सकता है। अमेरिका ने कई कपड़ा निर्माता देशों पर 37 प्रतिशत से 54 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है, जबकि भारत पर मात्र 27 प्रतिशत शुल्क लगाया है। इस नीति के चलते बांसवाड़ा के कपड़ा उद्योग को अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर मिल सकता है।

अमेरिका और यूरोप समेत कई देशों में होता है धागा और कपड़ा निर्यात
बांसवाड़ा की दो प्रमुख कपड़ा कंपनियों की सात इकाइयों से हर माह सैकड़ों टन धागा और कपड़ा तैयार होकर अमेरिका और यूरोप के विभिन्न देशों में निर्यात होता है। अकेले निटिंग कैटेगरी के कपड़े से हर साल 3800 टन धागा विदेशों को निर्यात होता है। अभी तक भारतीय उद्योगों को चीन और वियतनाम जैसे देशों से आने वाले सस्ते कपड़ों के कारण प्रतिस्पर्धा करने में दिक्कत आ रही थी, लेकिन नए टैरिफ नियमों के कारण भारतीय उत्पादों को तुलनात्मक लाभ मिलने की उम्मीद है।

नए टैरिफ के कारण वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त
विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिकी टैरिफ में इस बदलाव के कारण बांसवाड़ा सहित पूरे भारतीय कपड़ा उद्योग को प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिल सकती है। अमेरिका को होने वाले परिधान आयात में भारत की हिस्सेदारी अब तक काफी कम रही है। चीन के 21 प्रतिशत के मुकाबले भारत केवल 06 प्रतिशत कपड़े ही अमेरिका भेजता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बांसवाड़ा के संगमरमर से बने कलात्मक उत्पादों का निर्यात पहले ही प्रभावित था। अब कपड़ा उद्योग में अपेक्षित वृद्धि से स्थानीय अर्थव्यवस्था को कुछ राहत मिल सकती है।

उद्योगपतियों ने कहा- भारत उठा सकता है लाभ
बांसवाड़ा के उद्यमियों का मानना ​​है कि सरकार उचित नीतियां और निर्यात प्रोत्साहन योजनाएं लागू करे तो भारत इसका पूरा लाभ उठा सकता है। व्यापार संगठनों का सुझाव है कि केंद्र सरकार को अमेरिकी प्रशासन से बात कर भारतीय वस्त्रों पर टैरिफ कम करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि निर्यात में और अधिक वृद्धि हो सके।