Banswara त्रुटियों से बचना है तो डाटा संग्रहण की विधि को गहराई से समझना जरूरी
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा शोध को गुणवत्तापूर्ण बनाना होगा। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर प्रयास बढ़ाने होंगे। इसके लिए गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय ने काम शुरू कर दिया है। यह बात प्रेस्टीज ग्रुप के एजुकेशन ग्वालियर डायरेक्टर प्रो. एसएस भाकर ने रिसर्च डिवीजन की ओर से रिसर्च मेथडोलॉजी पर सात दिवसीय कार्यशाला में शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने अनुसंधान पद्धति और कार्यप्रणाली के बीच के सूक्ष्म अंतर को समझाया और डेटा संग्रह की विभिन्न विधियों और तकनीकों को उदाहरणों के माध्यम से समझाया।
उन्होंने कहा कि शोध प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं होने के कारण शोधकर्ता डेटा संग्रहण में कई प्रकार की त्रुटियां करते हैं, जिससे शोध के परिणाम संदिग्ध हो जाते हैं। इसलिए सावधानी जरूरी है. प्रत्येक प्रकार के शोध के लिए डेटा संग्रह की विधि अलग-अलग होती है। डेटा संग्रह में पूरी जनसंख्या और पैमाने को ध्यान में रखना भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर शोधार्थियों ने विभिन्न प्रश्न भी पूछे, जिनका विशेषज्ञ प्रोफेसर भाकर ने मौके पर ही समाधान किया।
विश्वविद्यालय में पंजीकृत अनुसंधान निदेशकों एवं शोधकर्ताओं ने प्रोफेसर भाकर द्वारा दिये गये विभिन्न व्याख्यानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के गुणात्मक अनुसंधान के मानकों को पूरा करने में अत्यंत उपयोगी पाया। इधर, कुलपति प्रो केएस ठाकुर ने कहा कि सात दिवसीय शोध के दूसरे चरण की भी तैयारी कर ली गयी है. कार्यशाला के लिए न्यूनतम शुल्क 500 रुपये रखा गया है और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्य कार्य अनुसंधान शामिल है. इसके चलते इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं. यह कार्यशाला शोध की गुणवत्ता बढ़ाने में उपयोगी साबित होगी। इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेंद्र पानेरी व अन्य उपस्थित थे.