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Banswara माही विभाग की जर्जर नहरें किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रही हैं

 
Banswara माही विभाग की जर्जर नहरें किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रही हैं

बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  माही विभाग की नहरें किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रही हैं। जर्जरहाल नहरी तंत्र के कारण कई क्षेत्रों में खेतों तक सिंचाई जल नहीं पहुंच रहा है और फसलें नष्ट हो रही हैं। इसके उलट कई जगह नहरों के ओवरफ्लो एवं सीपेज से खेत जलमग्न हैं। इससे किसानों को उनकी मेहनत का फल नहीं मिल रहा है। मोटे बजट के बाद भी माही विभाग की नहरों की यह स्थिति चिंताजनक है। किसान लम्बे समय से नहरी तंत्र को ठीक करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन मरम्मत के नाम पर थोड़ा-बहुत काम कर इतिश्री कर ली जाती है। इससे किसान परेशान हैं, लेकिन कोई हल होता नहीं दिखता। क्षेत्र के डडूका एवं पालोदा क्षेत्र में कुछ ऐसा ही हाल है। पाडा बस्ती से गुजर माही की परतापुर माइनर से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। इससे करीब दो हजार बीघा जमीन पर खड़ी गेहूं की फसल प्रभावित है। किसानों ने बताया बदहाल माइनर का मरम्मत कार्य ठेकेदार ने शुरू किया था,जिसमें माइनर की साफ सफाई करवा दी गई एवं कुछ भाग पर मरम्मत की गई। इसके बाद कार्य बीच में छोड दिया गया है। इससे अब किसानों को सिंचाई का पानी नहीं मिल पा रहा है।

इसे लेकर किसानों ने माही विभाग के अधिकारियों व प्रशासन को भी अवगत कराया था । लेकिन इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है । इसे लेकर रविवार किसानों के प्रतिनिधि मंडल गढ़ी उपप्रधान दशरथ सिंह वाघेला को पूरे मामला को लेकर अवगत कराया। इस पर मौके पर माइनर के हालात को भी बताए।वाघेला ने ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों को पूरे मामले पर चर्चा की एवं माइनर का मरम्मत कार्य शीघ्र शुरू करवाना बताया।

परतापुर रोड पर आडा रोड के समीप स्थित कृषि क्षेत्र में माही की नहरों के ऑवर फ्लो होने के कारण पूरा कृषि क्षेत्र पानी से भर गया जिसके कारण इसमें खड़ी गेहूं की फसलें खराब हो गई।किसान मोगालाल, नरेश, शंकरलाल, सोमा, राकेश आदि ने बताया कि पालोदा परतापुर सड़क निर्माण किया जा रहा है इसके तहत न्यू वे स्कूल के पास पुलिया का नाम निर्माण किया जा रहा है। जहां से माही की माइनर गुजर रही है। पुल निर्माण के दौरान यहां पर नहर बंद कर दी गई, जिसके कारण रात्रि में नहर फ्लो हो गई और उसका पानी आसपास के कृषि क्षेत्र में चला गया। जिससे उसमें खड़ी गेहूं की फसल काफी हद तक नष्ट हो गई। इस कारण काश्तकारों को आर्थिक नुकसान हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि इसमें सड़क निर्माण के ठेकेदार की लापरवाही है जिसके कारण उन्हें ये नुकसान हुआ है। किसानों ने आक्रोश जताते हुए मुआवजे की मांग की है।