बोहरा समुदाय के 30 किलो सोना गायब होने के मामले में कोर्ट ने सुनाया बड़ा आदेश, ADJ कोर्ट ने क्यों खारिज किया सीजेएम कोर्ट का आदेश
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क - बोहरा समाज के फखरी कर्जन हसना ट्रस्ट में जमा 30 किलो से अधिक सोना गायब होने के बहुचर्चित मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने जब्त सोना याचिकाकर्ताओं को सौंपने के अधीनस्थ न्यायालय (सीजेएम कोर्ट) के आदेश को निरस्त (खारिज) कर दिया है। मामला 14 माह पहले का है, जब लोन के लिए ट्रस्ट में गिरवी रखे सोने को गायब कर धोखाधड़ी करने के आरोप में बोहरा समाज के 257 लोगों के खिलाफ कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने अलग-अलग लोगों को गिरफ्तार कर 28 किलो से अधिक सोना बरामद किया था।
मामला सीजेएम कोर्ट में पहुंचा। सोना दिलाने के लिए याचिका दायर की गई तो कोर्ट ने 7 मई 2024 को इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने एडीजे कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। मामला एडीजे कोर्ट में विचाराधीन था, इसी बीच सीजेएम कोर्ट ने 18 फरवरी को करीब 27 किलो सोना याचिकाकर्ताओं को सौंपने का आदेश दिया था। एडीजे कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट के आदेश को अवैध, अनुचित, अप्रभावी, शक्तियों का दुरुपयोग व अन्य कारण बताते हुए निरस्त कर दिया। इसके अलावा सीजेएम कोर्ट को थानाधिकारी को सूचित कर 5 दिन में दोबारा जब्त सोना प्राप्त कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में एडीजे कोर्ट में 3 पुनरीक्षण याचिकाएं दायर की गई थीं। इन पर सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन चौधरी ने आदेश जारी किया है। एडीजे कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि पुनरीक्षणकर्ता (याचिकाकर्ता) कोर्ट में नहीं आया और उसने कई तथ्य छिपाए हैं।
सीजेएम कोर्ट को कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए। साथ ही आदेश की प्रति हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार व विजिलेंस विंग को भेजकर मामला हाईकोर्ट जोधपुर के संज्ञान में लाने को कहा है। अदालत के आदेश के बाद फखरी कर्जन हसना ट्रस्ट के ट्रस्टी अब्देअली जमाली उर्फ अब्देअली बोहरा आमिल साहब और फखरी कर्जन हसना ट्रस्ट मुंबई की ओर से बहरुल्लाह बख्शाजी की ओर से डीजे कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गईं। आरोपी निखिल दमड़िया ने 18 जून 2024 को सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की। इसमें सोना लौटाने से पहले उसे सुनकर आदेश देने का अनुरोध किया गया। 8 नवंबर 2024 को हकीम कलकत्ता ने भी ऐसा ही अर्जी दी। सोना गबन का मामला 4 नवंबर 2023 को सामने आया। 257 लोगों ने गिरवी रखे सोने के गबन की शिकायत दर्ज कराई। नई आबादी निवासी खोजेमा लोखंडवाला बोहरा, हकीमुद्दीन कलकत्तावाला बोहरा, कायद जौहर मोई रतलामवाला, इब्राहिम खंडूवाला निवासी नागरवाड़ा, बुरहानुद्दीन रतलामवाला निवासी नई आबादी, अब्देली जेतजीवाला ने आरोपी हकीमुद्दीन बाहरीवाला को बनाते हुए रिपोर्ट दी थी।
इसमें बताया था कि सैफी मोहल्ला में बोहरा समाज की फकरी कर्जन हसना ट्रस्ट संस्था है। यह ट्रस्ट बोहरा समाज के लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार बिना ब्याज के सोने के बदले लोन देती है। लोन दिलाने का पूरा काम आरोपी हकीमुद्दीन और सह आरोपी बुरहान ने किया था। 4 नवंबर 2023 को पता चला कि सोना गायब है और उसकी जगह डिब्बे में साबुन, नकली सामान और अन्य सामान मिला। इस मामले में पुलिस ने कई लोगों से सोना जब्त किया था।
