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Banswara खुद पीड़ित बताकर आरोपी ने उठाए सवाल, मामले की जाँच जारी

 
Banswara खुद पीड़ित बताकर आरोपी ने उठाए सवाल, मामले की जाँच जारी 
बांसवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बांसवाड़ा  अरथूना पुलिस की ओर से 2021 में किए नकली नोट प्रकरण के खुलासे के लंबे समय बाद एक आरोपी ने खुद धोखे में आकर लुटना बताकर सच सामने लाने के लिए कोर्ट में गुहार लगाई है। इससे सीधे तौर पर पुलिस पर आरोप नहीं हैं, लेकिन पूर्व में हुई जांच और कार्रवाई पर सवाल उठे हैं। अरथूना इलाके के परमेश्वर पाटीदार पुत्र कुरा पाटीदार के परिवाद पर सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट बांसवाड़ा के आदेश पर अरथूना थाने में नया केस दर्ज किया है। इसमें गुजरात के लिमड़ी थानांतर्गत आंबा गुनेशिया फला निवासी मुकेश पुत्र गुलसिंह मुनिया, उसके भाई विक्रम और गुलसिंह मुनिया के अलावा अरथूना पचोरपाड़ा निवासी दिनेशचंद्र पुत्र खेमराज बामणिया, केसरपुरा निवासी हरीशचंद्र पुत्र सुखदेव ताबियार और गुजरात के फतेहपुरा थानान्तर्गत पोहटाली फिलिया, बारसालेड़ा निवासी सुरेश पुत्र मानजीभाई को धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के साथ झूठे आरोप में फंसाने पर नामजद किया है।

पाटीदार ने बताया कि दिनेश और हरीश करीबी गांवों के होने से परिचित थे। इन्होंने मुकेश महाजन उर्फ मुकेश बाबा के बारे में बताया कि वो झाड़-फूंक से तकलीफे दूर करते हैं और धन दुगुना कर देते हैं। विक्रम और गुलसिंह से मिलाने पर उन्होंने भी धन दुगुना करने की बात दोहराई, तो इन्हें नहीं जानते हुए भी वह बातों में आ गया। आरोपियों के कहने पर सितंबर 2021 में साढ़े पांच लाख रुपए दिए, तो निश्चित तिथि एवं वार नक्षत्र देखकर उन्होंने इसे दुगुना करने का भरोसा दिलाया। कुछ दिन बाद आरोपियों ने फिर झांसे में लिया और अक्टूबर में चौदह लाख रुपए और लिए। 19.50 लाख रुपए लेने के बाद 21 दिसंबर को मुकेश ने पूजा-पाठ कर 3,120 रुपए दिए और नोट अभिमंत्रित बताकर देखने और खर्च करने से इनकार कर कहा कि इन्हें अपने यहां रख देना, तुम्हारे सौंपे रुपए दुगुने होकर वापस पहुंच जाएंगे।

बाबा के घर ले जाने पर हुआ था पथराव

पूछताछ में 3120 रुपए मुकेश बाबा द्वारा देना बताने पर पुलिस उसे आम्बा, गुनेशिया फला ले गई, जहां आरोपियों ने पथराव भी किया। पुलिस ने मुकेश और उसके भाई विक्रम को पकड़ा और उनकी निशानदेही पर रंगीन प्रिंटर, दौ सौ, पांच सौ व दो हजार रुपए के असली दिखने वाले 6 लाख 3,100 रुपए के 1767 नकली नोट, पेपर के कर्टन में नोटों के आकार के कटे सफेद कागज टॉनर, इंक व दो मोबाइल जब्त किए। प्रकरण में सही अनुसंधान नहीं करके परिवादी को संलिप्त कर दिया गया। पाटीदार ने इन छह आरोपियों द्वारा धोखे से 19.50 ऐंठने के बाद नकली नोट सौंपकर प्रकरण में उसकी बेवजह संलिप्तता बताते हुए कोर्ट को जानकारी दी कि थाने में प्रार्थना पत्र के बाद उसने 21 अगस्त, 23 को एसपी से भी गुहार की, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। परिवादी ने दावा किया कि 3120 रुपए के नोट नकली थे, जिसका उसे पता नहीं था। उसने असली नोट समझकर जेब में रखे और घर लौटने लगा। तभी चार पुलिसकर्मी सामने आए और रोककर पूछा कि तेरे पास कितने रुपए हैं। जेब में उक्त 3120 रुपए के अलावा 10 हजार रुपए अलग पड़े होने से उसने तेरह हजार एक सौ बीस रुपए होना बताया। फिर पुलिस ने मोबाइल ले लेकर उसे गाड़ी में धकेल दिया। बाद में नोट चेक कर इसमें 3120 रुपए नकली बताते हुए थाने में बंद कर दिया।